लगातार तनाव लेने से दिल पर पड़ता है गहरा असर, जानें कैसे बढ़ सकता है जोखिम

Health: लगातार तनाव लेने से शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो दिल की सेहत पर बुरा असर डालता है। इससे कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है।

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Health: तनाव एक बेहद ही आम भावना है जो तब होती है जब हम बहुत ज्यादा दबाव में होते हैं या किसी ऐसी स्थिति का सामना करते हैं जिसे हम संभाल नहीं पाते हैं। ऐसी स्थिति में हमें चिंता या घबराहट महसूस होने लगती है। तनाव के कारण हमारा ध्यान भटक सकता है और सही फैसले लेने में कई बार मुश्किल हो सकती है।

आजकल हर दूसरे व्यक्ति को तनाव महसूस होता है। किसी को अपने काम के चलते, किसी को परिवार की समस्याओं के चलते तो कई बार पार्टनर की एक दूसरे की बातों को लेकर तनाव महसूस होता है। लेकिन अगर हम सही तरीके से इसका सामना करें तो हम तनाव को कम कर सकते हैं और बेहतर तरीके से समस्याओं को हल कर सकते हैं।

इन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है

एक्सपोर्ट के अनुसार कभी कबार तनाव लेना सामान्य बात होती है लेकिन अगर हम लगातार तनाव में रहते हैं तो यह हमारे दिल पर बुरा असर डाल सकता है। तनाव की दौरान शरीर में एड्रोनालिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जो लंबे समय तक उच्च रहने पर दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं।

रक्तचाप बढ़ता है

हारमोंस जैसे कि एड्रीनलीन और कॉर्टिसोल दिल की धड़कन को तेज कर देते हैं और रक्तचाप को बढ़ा देते हैं। जब रक्तचाप बढ़ता है, तो दिल की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है। जिस दिल को जमाने से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लगातार उच्च रक्तचाप दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण बन सकता है। जैसे दिल का दौरा या अन्य हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

हृदय रोगों का खतरा

तनाव के कारण शरीर में कॉर्टिसोल का उच्च स्तर रक्त कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। यह सभी तत्व हृदय रोगों के लिए गंभीर जोखिम कारक माने जाते हैं। जब कोर्टिसोल लंबे समय तक कुछ मात्रा में रहता है, तो यह शरीर में बस जमा होने और धमनियों से रुकावट पैदा कर सकता है जिसे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए तनाव को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है।

कैसे करें बचाव

1. नियमित व्यायाम से शरीर में अच्छे हारमोंस निकलते हैं जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं।

2. ध्यान और योग से मन शांत होता है और मानसिक तनाव दूर होता है।

3. अपनों के साथ समय बिताने से मन हल्का होता है और तनाव का महसूस होता है।

4. अपनी शौक या पसंदीदा गतिविधियों के लिए समय निकले इससे मन को आराम मिलता है।

5. संतुलित और पौष्टिक आहार से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं जिससे तनाव से निपटने में मदद मिलती है।

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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