भोपाल , डेस्क रिपोर्ट। हर साल 15 फरवरी को Global childhood cancer day मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उन सभी बच्चों और किशोरियों के इलाज के लिए जागरूकता फैलाना है , जो कैंसर से पीड़ित है , चाहे वह किसी भी जात , देश या वर्ग के हो । बच्चों के बीच कैंसर का विस्तार बहुत ही चिंताजनक विषय है । बच्चे जिन्हें समाज और दुनिया की बहुत कम समझ होती है , उनका कैंसर जैसी बीमारियों से जूझना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है । यह सिर्फ बच्चे के लिए दुखद नहीं होता है , बल्कि बीमारी पूरे परिवार को भी खोखला कर देती है ।
भारत में 15 से कम उम्र के बच्चों के बीच कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लगभग 4.4% दुनिया में बच्चों के बीच कैंसर के मामले भारत में पाए गए हैं। 10 से भी ज्यादा कैंसर के प्रकार ऐसे हैं , जो बच्चों को प्रभावित करते हैं। इस लिस्ट में लेउकेमिया , ब्रेन ट्यूमर लिंफोमा, स्पाइनल कॉर्ड टयूमर , न्यूरोब्लास्टोमा , विल्म्स टयूमर, रेटिनोब्लास्टोमा , किडनी में कैंसर इत्यादि कैंसर के प्रकार शामिल है। ज्यादातर बच्चे विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर बच्चे ब्लड कैंसर से ग्रसित होते हैं ।
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बड़े और बच्चों दोनों के कैंसर में बहुत ज्यादा फर्क होता है जहां बड़ों में कैंसर का कारण तंबाकू का सेवन , ज शरीर का ख्याल ना रखना, जीवन शैली की बुरी हालत होती है । तो वहीं बच्चों में कैंसर उनके अभिभावकों से मिलता है। डीएनए वह रसायन (केमिकल) है जो हमारे जीन (जीन ) बनाता है, जो हमारी कोशिकाओं के लगभग हर काम को नियंत्रित करता है। हम आमतौर पर अपने माता-पिता की तरह दिखते हैं क्योंकि वे हमारे डीएनए के स्रोत हैं। लेकिन डीएनए हमारे दिखने से ज्यादा प्रभावित करता है। यह कुछ प्रकार के कैंसर सहित कुछ बीमारियों के विकास के हमारे जोखिमों को भी प्रभावित करता है।