Mental Health Tips : अक्सर कई चीज ऐसी होती है, जो दिमाग को बुरी तरह प्रभावित कर जाती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आपके साथ, आपके सगे संबंधी हो या फिर आपके करीबियों के साथ कोई ऐसी घटना हो जाए, जिससे उसने अपनी आंखों के सामने रहकर देखा हो, तो वह काफी लंबे समय तक आपके दिमाग में बनी रहती है। जिस कारण आप मेंटली डिस्टर्ब भी हो जाते हैं। ऐसी घटना को भूल पाना बहुत मुश्किल होता है। जब किसी घटना को आप भूलना चाहते हो और आप भूल नहीं पाते इस स्थिति को Post Traumatic Stress Disorder (PTSD) कptहते हैं।
क्या है PTSD?
दरअसल, यह एक ऐसी घटना होती है जब व्यक्ति खुद के साथ या उसके सगे संबंधियों के साथ हुई घटना को भूल नहीं पाता और जब भी वह मंजर उसके सामने आता है, तो वह एकदम से डर जाता है। इस बीमारी के लिए कोई उम्र सीमा तय नहीं है। यह किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। यह एक तरीके का मानसिक विकार है। यह अक्सर उन्हीं लोगों में होती है, जिनमें डरावनी घटना के बाद दिमाग में रासायनिक और न्यूरोलॉजिक चेंज आते हैं। खासकर, यह उन लोगों को और ज्यादा प्रभावित करता है, जो बचपन में या फिर कम उम्र में यौन उत्पीड़न, बलात्कार, आतंकवादी हमले, प्राकृतिक आपदा, महामारी या फिर किसी एक्सीडेंट जैसी घटना को अनुभव किया हो। समय बीतने के साथ-साथ व्यक्ति इन चीजों को भूल नहीं पाता। जिस कारण वह धीरे-धीरे मानसिक तनाव का शिकार होने लगता है।
जानें लक्षण
- अगर आप PTSD के लक्षणों से पीड़ित होंगे, तो आपको किसी भी कार्य में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आएगी।
- सोते वक्त आपको नींद नहीं आएगी।
- हर वक्त चिड़चिड़ापन और तनाव जैसा महसूस करेंगे।
- किसी भी बात पर बैठे-बैठे या अचानक से चौक जाना बेहद आम लक्षण हो सकते हैं।
- किसी भी दुर्घटना के बारे में बात नहीं करना या फिर वैसी परिस्थिति में स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान में चले जाना।
- खुद के बारे में या दूसरे लोगों के बारे में हमेशा नेगेटिव थॉट्स रखना।
- खाली समय में बार-बार उन्हीं चीजों को याद करना।
बचाव टिप्स
हालांकि, पीटीएसडी से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा किसी डॉक्टर की संपर्क में रहना चाहिए, ताकि इस समस्या का इलाज जल्द-से-जल्द हो सके। आप कॉग्नेटिव बिहैवियर थेरेपी की मदद ले सकते हैं। इससे डॉक्टर इस बात को बेहद आसानी से समझ जाते हैं कि पेशेंट किस बात से ज्यादा ट्रिगर करते है। जिसे समझते हुए डॉक्टर उसके बिहेवियर को और उसके अंदर मौजूद नेगेटिविटी को दूर करते हैं। इसके अलावा, आपको योग, व्यायाम, मेडिटेशन, आदि करते रहना चाहिए। इससे दिमाग शांत होगा और आपको इस परेशानी से छुटकारा भी मिल सकेगा।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)