Indore News : प्रदेश में ठगी और धोखाधड़ी के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे है। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र का है जहाँ परदेशीपुरा थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी के साथ धोखेबाजों ने व्हाट्सएप कॉल किया। फोन करने वाले ने थाना प्रभारी से पूछा बेटे के बारे में ओर बेटे से बात करनी चाही लेकिन सूझबूझ का परिचय देते हुए आए हुए फोन को डिस्कनेक्ट कर दिया। इसके पहले भी एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया के पास भी डिजिटल अरेस्ट करने के लिए कॉल आ चुका है। चूंकि दोनों पुलिस अधिकारी है इसलिए सावधानी के चलते बच गए।
थाना प्रभारी की सूझबूझ और त्वरित निर्णय ने इस धोखाधड़ी के प्रयास को नाकाम कर दिया और अपराधियों के मंसूबे विफल हो गए। यह मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने ऑनलाइन माध्यम से थाना प्रभारी से संपर्क किया और उन्हें पुलिस अधिकारी होने के नाम पर धोखाधड़ी के जरिए फंसाने की कोशिश की। आए हुए कॉल को लेकर थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि उनको फोन कॉल व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क किया जिसमें फोन कॉल करने वाले ने पहले थाना प्रभारी का नाम बताया फिर उनके बेटे का नाम बताते हुए बेटे से बात करने की बात कही इस पर टीआई ने कहा फोन करने वाले का फोन काट दिया
सूझबूझ से धोखेबाजों के मंसूबे किए नाकाम
हालांकि, पंकज द्विवेदी ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए इन बातों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने तुरंत धोखेबाज का फोन काट दिया। जिसमें थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि इस प्रकार के धोखाधड़ी के प्रयास उनके साथ कई बार हो चुके है। जिसमें ऐसे मामलों से सावधान रहना बेहद जरूरी है, और किसी भी प्रकार की कॉल या मैसेज पर बिना पुष्टि किए किसी भी प्रकार की जानकारी या पैसे की लेन-देन से बचना चाहिए। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि वे ऐसे धोखेबाजों से सतर्क रहें और कोई भी ऐसे फ्रॉड कॉल या संदेश मिलने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट