हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। बाजार में स्वाद में मीठे और पेट को ठंडक पहुंचाने वाले तरबूज गर्मियों में दिखाई देना शुरू कर देते हैं। दरअसल तरबूज में 92% पानी होता है जो शरीर का हाईड्रेशन बनाए रखने में मदद करता है। तरबूज स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन सी, पोटेशियम और लाइकोपीन जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इसके बावजूद अगर विशेषज्ञों की माने तो इस फल का जरूरत से ज्यादा सेवन करना शरीर को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। तो जानें तरबूज खाने से सेहत के नुकसान:
यह भी पढ़ें – NEXON EV MAX का टीजर हुआ जारी, आज उठेगा पर्दा, जाने पूरी डिटेल
- तरबूज में पानी के साथ साथ डाइटरी फाइबर अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है। यदि डाइटरी फाइबर का ज्यादा सेवन किया जाए तो पेट से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं। जिसमें गैस पेट फूलना और डायरिया जैसी समस्याएं शामिल है।
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा तरबूज में अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है, इसीलिए तरबूज का ज्यादा सेवन शरीर में ग्लूकोस लेवल को बढ़ाता है। मधुमेह रोगियों को तरबूज का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए।
यह भी पढ़ें – Mandi bhav: 11 मई 2022 के Today’s Mandi Bhav के लिए पढ़े सबसे विश्वसनीय खबर
- खुद को हाइड्रेट रखने के लिए यदि आप तरबूज का सेवन अधिक मात्रा में कर लेते हैं। तो आपके शरीर में पानी की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो सकती है। कई बार ऐसा होता है कि पानी के बढे हुए स्तर को शरीर बाहर नहीं निकाल पाता है। जिसके कारण सर में ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है और व्यक्ति को थकान, पैरों में सूजन जैसी कई अन्य समस्याओं से गुजरना पड़ता है।
- अल्कोहल का लगातार सेवन करने वाले इंसान को तरबूज खाने से बचना चाहिए, क्योंकि तरबूज में लाइकोपीन पाया जाता है और इसका हाई लेवल अल्कोहल के साथ शरीर पर बुरा असर डालता है। इससे शरीर में लीवर की सूजन का खतरा बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ें – MP पंचायत चुनाव : SC के निर्णय के बाद 15 दिन के भीतर घोषित होगी तिथि, निर्वाचन आयुक्त का बड़ा बयान- अधिसूचना तैयार
- तरबूज पोटेशियम का अच्छा स्रोत है यह बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट फंक्शन और दिल की सेहत को दुरुस्त रखने का काम करता है। बावजूद इसके शरीर में पोटेशियम की अत्यधिक मात्रा दिल से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ावा देती हैं। जिसमें अनियमित धड़कने और कमजोर पल्स शामिल है।
नोट – यह केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से दी गयी है। किसी भी प्रकार से इसे रूटीन में लाने के लिए आप अपने डॉ. से संपर्क करें।