Dengue and Malaria: मौसम के बदलते ही मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। खासकर बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। मच्छरों से बचने के लिए हम अक्सर बाजार में मिलने वाले केमिकल वाले प्रोडक्ट या कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में मौजूद कुछ हरी पत्तियां भी मच्छरों को दूर रखने में कारगर साबित हो सकती हैं।
प्राकृतिक उपाय न केवल मच्छरों से सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इन हरी पत्तियों में मौजूद प्राकृतिक तेल मच्छरों को दूर भगाने में अत्यंत प्रभावित होते हैं। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि ऐसी कौन-कौन सी हरी पत्तियां हैं जिनका इस्तेमाल कर आप मच्छरों को अपने आप से दूर कर सकते हैं।
तुलसी (Basil)
तुलसी को आयुर्वेद में एक पवित्र औषधि माना जाता है। धार्मिक महत्व के साथ-साथ तुलसी के पौधे के कई औषधीय गुण भी हैं। बारिश के मौसम में तुलसी का पौधा जरूर घर में लगाना चाहिए तुलसी के पौधे से मच्छर दूर भागते हैं। तुलसी में पाए जाने वाले तेल मच्छरों को अपनी ओर आने से रोकते हैं। इसके अलावा तुलसी का रस निकालकर त्वचा पर लगाने से मच्छर नहीं काटते हैं, इसलिए तुलसी के रस को डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से लड़ने में मददगार माना जाता है।
पुदीने (Mint)
पुदीने की पत्तियों में मौजूद मेंथॉल एक प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है। इसकी तेज और ठंडी खुशबू मच्छरों को अपनी ओर आने से रोकती हैं। पुदीने के पत्तों का रस निकालकर उसे पानी में मिलाकर घर में स्प्रे करने से मच्छरों को घर के अंदर आने से रोका जा सकता है। इसके अलावा पुदीने के तेल को शरीर पर लगाने से मच्छर के काटने से बचा जा सकता है।
नीम (Neem)
आयुर्वेद में नीम को चमत्कारी औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। नीम की पत्ती मच्छरों को दूर रखने में मदद करती है। बारिश के मौसम में नीम की पत्तियों को जलाना चाहिए, नीम की पत्तियों से निकलने वाला धुआं मच्छरों को अपनी ओर आने से रोकता है। इसके अलावा नीम के तेल को नारियल तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से मच्छर के काटने से बचा जा सकता है।
(डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)