टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल कर इन बीमारियों को दे सकते हैं न्योता, हो जाएं सावधान

Shashank Baranwal
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mobile use in toilet

Mobile Use In Toilet: वर्तमान समय में मोबाइल हर उम्र के लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। लोग मोबाइल को एक मिनट के लिए भी दूर नहीं रखना चाहते हैं। सोते, जागते, टहलते, खाना खाते वक्त और यहां तक कि टॉयलेट में भी कुछ लोग अपने मोबाइल को साथ में लेकर जाते हैं। अगर आप भी मोबाइल का इस्तेमाल टॉयलेट में करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह आपके सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। इससे आपके शरीर में कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है।

बैक्टीरियल इंफ्केशन

जब आप टॉयलेट में भी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो टॉयलेट सीट पर मौजूद कई बैक्टीरिया आपके मोबाइल से चिपक जाते हैं। ऐसी स्थिति में आप तो हाथ धो लेते है लेकिन मोबाइल फोन को कैसे धो नहीं पाते हैं। वहीं इसके बाद मोबाइल से चिपके हुए बैक्टीरिया आपके बेड पर, डाईनिंग टेबल के साथ विभिन्न जगहों पर पहुंच कर आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। बैक्टीरियल इंफ्केशन से लोगों में डायरिया, यूटीआई, डाईजेशन के साथ पेट में और आंत में सूजन की समस्या भी हो सकती है।

पाइल्स

टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करने से आपको पाइल्स की समस्या हो सकती है। हालांकि पाइल्स की समस्या पाचन शक्ति मजबूत न होने पर भी होती है। लेकिन लोग टॉयलेट में मोबाइल चलाने के चक्कर में काफी देर तक बैठे रहते हैं। जो कि पाइल्स की समस्या का कारण बनता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर

टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करने से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि एक शोध के मुताबिक टॉयलेट में ही लोग कोई बड़ा प्लान बना लेते हैं या कुछ गहरा सोच सकते हैं। वहीं अगर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो आप कुछ सोच नहीं पाएंगे।

घुटनों में दर्द

टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करने से आपके मांसपेशियों में और घुटने में दर्द की भी समस्या हो सकती है। क्योंकि मोबाइल चलाते समय ध्यान नहीं रहता है और कंबोड पर लोग ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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