Chamki Fever: जानिए क्या है चमकी बुखार? देश में हर साल कई बच्चो की हो जाती है इससे मौत, जानिए इसके लक्षण!

Chamki Fever: देश में चमकी बुखार हर साल कई बच्चों को अपनी चपेट में ले लेता हैं। यह एक बेहद खतरनाक बीमारी हैं। ऐसे में इसे समय रहते पहचान लेना बहुत जरूरी होता हैं।

Rishabh Namdev
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Chamki Fever: देश के कई इलाकों में चमकी बुखार से हर साल कई बच्चों की मौत हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह एक तरह का मस्तिष्क ज्वर है, जिसे एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) कहा जाता है। इस बुखार के लक्षण बच्चों में ज्यादा देखे जाते हैं, लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है। चमकी बुखार के कारण और लक्षणों को समझकर, आप इसे समय रहते पहचान कर और उपचार शुरू कर सकते हैं। तो चलिए आज इस खबर में हम जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण (Chamki Fever Symptoms) और कैसे इससे बचाव किया जा सकता हैं।

सबसे पहले समझे क्या होता है चमकी बुखार:

दरअसल चमकी बुखार एक संक्रामक रोग है, जिसमें वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं और मस्तिष्क में सूजन उत्पन्न करते हैं, जिससे ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ प्रभावित होता है। यह बीमारी कई लक्षणों के साथ प्रकट होती है, जोकि मस्तिष्क की समस्याओं को संकेत करते हैं। इसके कारण और लक्षणों को समझकर उपचार की शुरुआत की जा सकती है।

जानिए क्या हैं इसके लक्षण और बचाव:

चमकी बुखार के लक्षणों में मिर्गी की तरह के झटके, बेहोशी, सिरदर्द, अचानक बुखार, शरीर में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, अत्यधिक थकान, अत्यधिक नींद, दिमागी कमजोरी, पीठ दर्द और कमजोरी, चलने में परेशानी या लकवा के लक्षण शामिल होते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए सफाई का ध्यान रखना, मच्छरों से बचाव, पानी की जमावट को रोकना, बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। चमकी बुखार के लक्षणों की पहचान करना और उसे त्वरित चिकित्सा उपचार के लिए पहुंचाना बीमारी को संभालने में महत्वपूर्ण है।

इसके बचाव के लिए अपनाए यह तरीके:

-गर्मियों में बच्चों को पर्याप्त पानी पिलाएं और उन्हें अधिक समय धूप में न रखें
-मच्छर और कीटाणुओं से बचाव के लिए मोस्किटो नेट और मच्छर रिपेलेंट का प्रयोग करें
-बच्चों को नियमित टीकाकरण करवाएं और उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए स्थानीय चिकित्सक से सलाह लें
-स्वच्छता में विशेष ध्यान दें और अपने आसपास की साफ-सुथरी रखने का प्रयास करें
-बच्चों को प्रेरित करें कि वे हाथों को समय-समय पर धोते रहें और अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखें

(डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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