नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आजकल की इस दौड़-भाग भरी जिंदगी में हम सुकून से खाना भी नहीं खा पाते है, जबकि एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जीवन में खाने का बहुत बड़ा महत्व है। जीवन में क्या खाना है, कितना खाना और कब खाना इस चीज की जानकारी होना बहुत ज्यादा जरुरी है क्योंकि शरीर स्वस्थ तो हम स्वस्थ।
खाने के महत्व और इससे जुड़े जोखिमों का पता लगाने, प्रबंधन और उन्हें रोकने और मानव स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए, वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे प्रतिवर्ष 7 जून को मनाया जाता है। यह दिन असुरक्षित भोजन से जुड़े स्वास्थ्य खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है।
उचित मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, सतत विकास और कृषि और पर्यटन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए फूड सेफ्टी आवश्यक है। यह बीमारियों और संक्रामक बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है, जो अनहेल्दी भोजन के कारण होती हैं। इस तरह के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने के लिए लोगों और अधिकारियों को एकजुट के लिए यह दिन मनाया जाता है।
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 20 दिसंबर, 2018 को सुरक्षित भोजन के लिए जागरूकता फैलाने के अनुमति मिली थी।
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क्या है इस साल की थीम?
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 2022 की थीम ‘सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य’ (‘Safer food, better health’)है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विषय की घोषणा की गई थी, जिसका मतलब है एक हेल्दी भोजन ही मानव स्वास्थ्य की कुंजी है।
क्यों पड़ी इस दिन की आवश्यकता?
हर साल न जाने कितने ही लोग अनहेल्दी फूड के कारण अपनी जान गंवा देते है, जिनमें से भी खासकर बच्चे। संयुक्त राष्ट्र के एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल खाद्य जनित बीमारियों के लगभग 600 मिलियन मामले सामने आते हैं जो असुरक्षित भोजन और प्रदूषित पानी के कारण होता है। असुरक्षित भोजन से होने वाली बीमारियां समाज के सबसे कमजोर लोगों और गरीब वर्ग, खासकर बच्चों, महिलाओं और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को प्रभावित करती हैं।