ऑटो चालक ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, डेढ़ लाख के जेवर लेकर थाने पहुंचा

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इंदौर। आकाश धोलपुरे।

 मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में शनिवार का दिन ऑटो चालकों के नाम रहा जहां दो खबरों ने लोगो को चौंका दिया। पहली खबर के मुताबिक शहर के एमआईजी थाने में ऑटो रिक्शा चालकों ने सवारियों से लूट करने की वारदातों को कबूला जिसमे उत्तरप्रदेश के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपी ऑटो रिक्शा चालकों ने लूट की 40 से 50 वारदातों को कबुल किया। अधिकतर बुजुर्ग दम्पति को निशाना बनाने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन लोग भाड़े पर ऑटो रिक्शा चलाते थे जिनके नाम मेहबूब, अशरफ और सुफियान बताए जा रहे है जिनके पास से डेढ़ किलो सोने चांदी के जेवरात और नकदी बरामद की गई है। वही दूसरी और शहर के ईमानदार ऑटो चालक ने कुछ ऐसा किया कि हर एक सिर फक्र से झुक गया और पुलिस को उसकी ईमानदारी के चलते नकद पुरस्कार देना पड़ा।  दरअसल, इंदौर से इटारसी के लिए बस स्टैंड से रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 5 के लिए इटारसी मध्यप्रदेश में रहने वाले खोड़े परिवार ने एक रिक्शा ली जो तय समय पर रेल्वे स्टेशन पहुंच गई लेकिन इटारसी जाने वाली पंचवली एक्सप्रेस ट्रेन को पकड़ने की जल्दी में खोड़े परिवार अपना कीमती ज्वैलरी का बैग रिक्शा में ही भूल गया। इसके बाद रिक्शा चालक जितेन्द्र राठौर वहां से निकल गया लेकिन ट्रैन में बैठने के पहले अचानक परिवार को बैग की याद आई जिसके बाद यात्रा तो केंसल हो गई लेकिन रिक्शा चालक की खोजबीन शुरू हो गई। फिर क्या था जगह जगह उस रिक्शा चालक का हुलिया बताया जाने लगा लेकिन कहते है ना दुनिया आज भी इमान कायम है ये बात जगजाहिर हुई क्योंकि रिक्शा चालक उस बैग को लौटाने के चक्कर मे पीड़ित परिवार को तलाश रहा था आखिर में जब सफलता नही मिली तो वो छोटी ग्वालटोली थाने पहुंचा और उसने डेढ़ लाख की कीमत की ज्वैलरी से भरा बैग पुलिस को सौंप दिया। इधर, पुलिस को बैग में एक बन्द पड़ा मोबाइल मिला जिसे कुछ देर के लिए चार्ज किया गया तब पीड़ित परिवार का फोन आया और तस्दीक के बाद पुलिस ने परिवार को ज्वेलरी सौंप दी। वही रिक्शा चालक की ईमानदारी की प्रशंसा कर पुलिस ने उसे 1001 रुपए के नकद पुरस्कार से नवाजा। पुलिस उपनिरीक्षक टीना शुक्ला ने बताया ने एक तरफ शहर में ऐसे रिक्शा चालक घूम रहे है जो लूट को अंजाम दे रहे है वही दूसरी ओर ऐसे रिक्शा चालक भी जिनकी वजह से इंसानियत कायम है। वही रिक्शा चालक जितेंद्र राठौर ने बताया कि जब उसे पता चला पीड़ित परिवार का बैग रिक्शा में छूट गया है तो उसने उन्हें ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब वो नही मिले तो वह सीधा पुलिस स्टेशन आ गया। इधर, पीड़ित परिवार ज्वेलरी पाकर खुश हुआ और उसने रिक्शा चालक की ईमानदारी की जमकर तारीफ की।  जमकर तारीफ की।


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