इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ी, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया, जानें पूरा मामला 

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने बेंजामिन नेतान्याहू ने खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। अभियोजक करीम खान ने मई में अरेस्ट वारंट का अनुरोध किया था।

Manisha Kumari Pandey
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Arrest Warrant For Benjamin Netanyahu

Arrest Warrant For Benjamin Netanyahu: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के साथ-साथ उनके पूर्व रक्षा प्रमुख योआव गैलेन्ट और हमास नेता दीफ के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। इन नेताओं पर युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप आईसीसी ने लगाया है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल के मोहम्मद दीफ़ को मार गिराया है ।

अदालत के मुख्य अभियोजक करीम खान ने मई में अरेस्ट वारंट की माँग की थी। उन्होनें बेंजामिन नेतान्याहू और गैलेन्ट पर बड़े स्तर पर भुखमरी पैदा करने का आरोप लगाया था। पिछले साल अक्टूबर में हमास ने इजराइल पर हमला किया था। हजारों लोगों की हत्या कर दी थी। 250 से अधिक नागरिकों को किडनैप कर लिया गया है। जिसके बाद बेंजामिन नेतान्याहू ने भी जवाब में हमास पर हमला बोला। दोनों देशों की जंग में 40 हजार से अधिक लोग मारे गए। लाखों लोग घायल हुए। लोगों को शरणार्थी का जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पिछले 13 महीने से लड़ाई जारी है। इसी मामले में आईसीसी ने फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने क्या कहा? (International Criminal Court)

आईसीसी ने कहा, “चैंबर के दो व्यक्तियों बेंजामिन नेतान्याहू और योआव गैलेन्ट के खिलाफ युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के लिए अरेस्ट वारंट जारी किया है।” न्यायधीशों के फैसले में लिखा, “दोनों से जानबुड़झकर गाजा के नागरिकों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक वस्तुओं से वंचित रखा। भोजन, पानी, दवा, ईंधन, बिजली इत्यादि इसमें शामिल हैं।” वहीं हमास नेता मोहम्मद दीफ़ के पर भी मानवता के खिलाफ अपराधों, हत्या, बलात्कार, बंधन सहित अन्य युद्ध अपराधों का आरोप है। उसे 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमले का जिम्मेदार भी बताया गया। इससे 1200 से अधिक लोगों की जान गई थी।

क्या नेतान्याहू की गिरफ़्तारी होगी? (Israel Hamas War)

आईसीसी के अरेस्ट वारंट प्रभाव सीमित हो सकता है। इजराइल, अमेरिका समेत कई कई आईसीसी सदस्य नहीं है। वहीं नेतान्याहू और अन्य इजराइली नेताओं ने भी इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इस फैसले को नकार दिया है। हमास ने भी इस फैसले को खारिज कर दिया है।


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