बड़ी खबर, UGC ने बदले नियम, बिना यूजीसी नेट और PHD विश्वविद्यालय में बन पाएंगे शिक्षक, जल्द जारी होगा ड्राफ्ट 

उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक नियुक्ति से जुड़े कई बदलाव होने वाले हैं। जिसकी तैयारी यूजीसी कर रहा है। नए नियमों के तहत छात्रों को कठोर शैक्षणिक प्रतिबंधों का पालन नहीं करना होगा।

Manisha Kumari Pandey
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UGC Rules: विश्वविद्यालय में शिक्षक और फैकल्टी मेंबर नियुक्ति से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इस बात की जानकारी एक इंटरव्यू के दौरान यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने दी है। नए नियमों के तहत बिना यूजीसी नेट और एचडी के उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक बनना संभव होगा। हालांकि कुछ शर्ते भी लागू होगी।

शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के न्यूनतम योग्यता को लेकर नए नियमों का ड्राफ्ट यूजीसी 6 जनवरी को जारी कर सकता है। जिस पर हितधारकों के फ़ीडबैक भी मांगे जाएंगे। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जाएगा।

उद्योग पेशेवरों को मिलेगा प्रोफेसर बनने का मौका (Professor Appointment Regulations)

शिक्षक नियुक्ति के लिए 2018 में जारी किए गए नियमों में बदलाव होगा।  विश्वविद्यालय में तीन तरह के शिक्षक सेवाएं प्रदान की जाएगी। जिसमें से दो नियमित और एक अस्थायी प्रोफेसर होंगे। अस्थायी प्रोफेसर का कार्यकाल 3 साल का होगा। “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस” तहत उच्च शिक्षा संस्थानों में उद्योग पेशेवरों की नियुक्ती अस्थायी प्रोफेसर के रूप में की जाएगी। इसके लिए यूजीसी नेट या पीएचडी की जरूरत भी नहीं होगी।

शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया फ्लेक्सिबल बनेगी (NEP 2020)

वर्तमान में  ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी डिग्री में एक ही विषय में एक समान शैक्षणिक पृष्ठभूमि की आवश्यकता होती है। लेकिन नए नियमों के तहत यूजीसी नेट या एचडी विषयों से संबंधित विषयों में प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी। उम्मीदवारों की पिछली योग्यता क्या है कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जिन उम्मीदवारों के पास 4 वर्षीय ग्रेजुएशन के साथ पीएचडी की डिग्री होगी, वे भी असिस्टेंट प्रोफेसर बन पाएंगे। मास्टर्स की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एपीआई सिस्टम पर नहीं होगा प्रमोशन 

यूजीसी फ़ैकल्टी मेम्बर प्रमोशन के जुड़े नियमों में भी बदलाव की तैयार कर रहा है। प्रमोशन के लिए अब एपीआर सिस्टम लागू नहीं किया जाएगा। इससे उम्मीदवारों के सामने आने वाली चुनौतियाँ कम होगी। व्यक्तिगत पैशन को बढ़ावा मिलेगा।


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