आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए दिया ज्ञापन

सुशील विधानी/खंडवा।

भीम समुदाय ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया जिसमें बताया गया कि अनुसचित जाति / जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को संविधान से प्राप्त प्रतिनिधित्व का अधिकार आरक्षण प्राप्त होते रहा है। जिस पर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा कुछ दिनों पहले एक निर्णय में कहा गया हैं। पदोउन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं हैं। सिर्फ संवैधानिक अधिकार हैं और उसे लागू करने के बारे में यह कहाँ गया है कि में अगर राज्य यह अधिकार देना चाहे तो दे अन्याथा ना दे आरक्षण किसी भी प्रकार का मौलिक अधिकार नहीं हैं।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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