मोबाइल चलाने से 75% माता-पिता हो चुके हैं डिप्रेशन के शिकार, जल्दी ही खो बैठते हैं आपा

Sanjucta Pandit
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लाइफस्टाइल, डेस्क न्यूज | आजकल के ज्यादातर पेरेंट्स मोबाइल पर अपना समय ज्यादा बिताते हैं। वो मोबाइल के इस कदर शिकार हो चुके हैं कि उन्हें किसी के साथ वक्त बिताना अच्छा नहीं लगता। या यूं कहें कि मोबाइल में उन्हें अपने आगोश में ले लिया है। दरअसल, कोरोना काल में घर से बाहर जाना बंद था। इस दौरान पेरेंट्स अपना वक्त बिताने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते थे। कई बार माता-पिता दोनों ही जॉब करते हैं। ऐसी स्थिति में फोन पर ही उनका ज्यादा समय बितता है। जिसके कारण वो अपने बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसके अलावा वो आंखों में तकलीफ समेत कई सारी समस्याएं से ग्रसित हो रहे है। साथ ही, दिनभर मोबाइल चलाने के कारण वो चिड़चिड़ापन, अधिक गुस्सा करना, बच्चों पर बेवजह चिल्लाना, जल्दी आपा खो देना जैसी परेशानियों से घिर जाते हैं। कई बार तो पति-पत्नी आपस में भी लड़ जाते हैं जो कि आपके रिश्ते को बेवजह कमजोर कर सकता है।

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।