आखिर क्यों टूट कर गिरा चिली का मशहूर ‘हैंगिंग ग्लेशियर’, जानें वजह

Sanjucta Pandit
Updated on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पृथ्वी का तापमान बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे ग्लेशियर (हैंगिंग ग्लेशियर) धीरे-धीरे पिघल रहा है। जोकि पृथ्वी के विनाश का संकेत है। बता दें कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बर्फ की चट्टाने पिघल रही है। जिससे धरती पर पानी बढ़ रहा है। जोकि बाढ़, सुनामी जैसी बड़ी आपदा के रुप में आती है। इससे समुद्र में हलचल होता है। इसी कड़ी में 13 सितंबर को चिली का मशहूर हैंगिंग ग्लेशियर टूट गया। जिसे पर्यटकों ने इस नजारे को अपने फोन में कैद कर इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जोकि पूरी दुनिया में वायरल हो गया। साथ ही संबंधित वैज्ञानिकों की चिंता को और अधिक बढ़ा दिया।

आखिर क्यों टूट कर गिरा चिली का मशहूर 'हैंगिंग ग्लेशियर', जानें वजह

यह भी पढ़ें – Friendly Dog : बेहद प्यारे होते है इन ब्रीड के कुत्ते, फैमिली डॉग से है फेमस

दरअसल चिली में क्यूलट नेशनल-पार्क में यह ग्लेशियर स्थित था। जोकि दो पहाड़ों के बीच बनी घाटी के ऊपर 656 फीट ऊंचा है। जोकि कल पिघलकर गिर गया। जिसे देखते ही आसपास हलचल मच गई। जिसके बाद तेज बारिश हुई। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। यहां पर बर्फ का पिघलना आम बात है। लेकिन इन दिनों जितनी तेजी से बर्फ के टूकड़ें पिघल रहे हैं। यह बहुत ही चिंता का विषय है।

यह भी पढ़ें – मीडिया पर बुरी तरह भड़की Taapsee Pannu, वायरल हुआ वीडियो

बता दें कि बर्फ के चट्टान पाए जाते हैं जोकि बहुत तेजी से पिघल रहे हैं। जिसकी मुख्य वजह धरती के ओजोन परत पर छिद्र का होना है। साथ ही कार्बनडाइऑक्साइड की अधिक मात्रा से वातावरण के तापमान में बढ़ोत्तरी जारी है। जिसके कारण यह ग्लेशियर पिघल रहे हैं। जो सभी के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं और आने वाले कुछ सालों में ग्लेशियर इस कदर पिघलने लगेगा कि, हर वक्त बारिश, बाढ़, सुनामी जैसी आपदाएं आती रहेंगी। जैसा कि हम सभी जानते हैं इस धरती पर भूमि से पानी की मात्रा ज्यादा है। ऐसे में अगर बर्फ की चट्टानें लगातार पिघलती रही तो आने वाले समय में पृथ्वी पूरी तरह से जलमग्न हो जाएगा। जिसका एक नजारा हम देख ही रहे हैं।

आखिर क्यों टूट कर गिरा चिली का मशहूर 'हैंगिंग ग्लेशियर', जानें वजह

यह भी पढ़ें – Walnut : पोषण का भंडार है अखरोट, दिमागी शक्ति के साथ पुरुषों के सेक्शुअल पावर में वृद्धि

ग्लोबल वार्मिंग के कारण अंटार्टिका के ग्लेशियर पिघल रहे हैं। बता दें कि 1 साल में करीब 35 अरब पानी पिघल कर समुद्र में जा रहा है। जिसके कारण समुद्र में पानी का स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। जिससे समुद्र किनारे बसे शहरों को ज्यादा खतरा है। कई जगहों पर तो आने वाले कुछ समय में उस शहर का नामोनिशान तक मिटने की आशंका जताई गई है।

आखिर क्यों टूट कर गिरा चिली का मशहूर 'हैंगिंग ग्लेशियर', जानें वजह

 

यह भी पढ़ें – कम बजट में घर को दें नया और अट्रैक्टिव लुक


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News