आखिर पीरियड्स के दौरान क्यों नहीं उतारनी चाहिए बच्चों की नजर, क्या होता है इसका परिणाम

Evil Eye During Periods: पीरियड्स में बच्चों की नजर उतारने के बारे में अलग-अलग मान्यताएं बताई गई हैं। कुछ लोगों का ऐसा मानना होता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं अशुद्ध होती है इसलिए उन्हें बच्चों की नजर नहीं उतारती चाहिए। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो हम आपको बताएंगे कि यह सच्चाई है या केवल मिथ्या है।

Evil Eye During Periods: हमारे देश में तमाम प्रकार की चीजों के तमाम नियम बताए गए हैं। इन्हीं चीजों में से एक है पीरियड्स। पीरियड्स को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं, कुछ लोग इसे अशुद्ध मानते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे केवल एक प्राकृतिक प्रक्रिया मानते हैं। शास्त्रों के अनुसार पीरियड्स के दौरान ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें महिलाओं को करने से मना किया जाता है। इन्हीं कामों में से एक है बच्चों की नजर उतारना।

हर मां को इस बात का कन्फ्यूजन होता है कि पीरियड्स के दौरान बच्चों की नजर उतारी जा सकती है या नहीं, पीरियड्स के दौरान बच्चों की नजर उतारना कितना सही है और कितना गलत। अगर आपके भी मन में यह सवाल या कन्फ्यूजन पैदा होता है, तो हम आपको बताएंगे कि आखिर पीरियड्स में बच्चों की नजर उतारना सही है या नहीं, तो चलिए जानते हैं।

क्या पीरियड्स के दौरान नजर उतारना सही है

बच्चे हर कभी बुरी नजर की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में हर मां को बच्चों की चिंता सताती है और वह फिर अपने बच्चों की नजर उतारती हैं। अगर इस सवाल का जवाब दिया जाए कि पीरियड्स के दौरान बच्चों की नजर उतारना चाहिए या नहीं, तो इसका जवाब है की पीरियड्स के दौरान बच्चों की नजर नहीं उतारना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जब महिलाएं पीरियड्स में होती है तो उनके शरीर में नकारात्मक ऊर्जा रहती है, जिस वजह से पीरियड्स के दौरान बच्चों की नजर उतारने से नकारात्मक ऊर्जा बच्चों को प्रभावित कर सकती है।

पीरियड्स के इस दिन उतारी जा सकती है नजर

हर मां अपने बच्चों के लिए चिंतित रहती है। हर मां चाहती है कि उसका बच्चा बुरी नजर से बचा रहे, इसके लिए सबसे पहले हर महिला बच्चे की नजर उतारने का काम करती है। लेकिन आप पीरियड्स में है और आप अपने बच्चों की नजर उतारना चाहती हैं तो आप पीरियड्स के तीसरे दिन नजर उतार सकते हैं। तीसरे दिन शरीर की नकारात्मकता धीरे-धीरे कम हो जाती है, इस दिन नजर उतारने से बच्चे पर किसी भी प्रकार का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पेरियड्स को न समझें गलत

मासिक धर्म या पीरियड्स – यह एक महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसके चारों ओर उसके चिंता की हवा घूमती रहती है। हमें यह समझना चाहिए कि पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है, इसलिए हमें इसे एक प्राकृतिक प्रक्रिया के अनुसार स्वीकार करना चाहिए। इसे एक सकारात्मक रूप में देखना चाहिए। हमें इसे एक महिला की शक्ति और साहस का प्रतीक मानना चाहिए।

हमें यह समझना चाहिए कि पीरियड्स एक महिला की शक्ति का प्रतीक हो सकते हैं। यह एक ऐसा समय है जब महिला को अपने शरीर को समझने का अवसर मिलता है, अपने शरीर के साथ संपर्क करने का अवसर मिलता है। यह उसे उसकी स्वास्थ्य की परवाह करने के लिए जागरूक बनाता है। इससे उसे अपने शरीर की जरूरतों को समझने और उसकी देखभाल करने का साहस मिलता है।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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