लड़की ने आंटी क्या कह दिया, महिला ने कर दी उसकी पिटाई, देखें वीडियो

Gaurav Sharma
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यूपी, डेस्क रिपोर्ट। उत्तरप्रदेश के एटा में एक 19 साल की लड़की को एक 40 साल की महिला को अंटी कहना भारी पड़ गया। एटा जिले के बाबूगंज बाजार की एक सड़क पर बीते दिन जमकर हंगामा हुआ, जब एक लड़की ने एक औरत को आंटी कह कर बुला दिया।

दरअसल, एटा में बाबूगंज बाजार में करवा चौथ के एक दिन पहले लोगों की काफी भीड़ लगी हुई थी। महिलाएं करवा चौथ के लिए शॉपिंग करने के लिए बाजार आई हुई थी। बाजार में इतनी भीड़ थी की पैर रखने की जगह नहीं थी। वहीं इस दौरान एक 19 साल की लड़की भीड़ में अपना रास्ता बनाने की कोशिश कर रही थी, इसी बीच उसने 40 साल की महिला से कहा ‘आंटी थोड़ा साइड हो जाइये’। जिसके बाद 40 साल की महिला आग बबूला हो गई और उसे खरी खोटी सुनाने लग गई, इतना ही नहीं युवती को महिला ने थप्पड़ भी मारा और उसके बाल खींचे।

 

देखते ही देखते वहां लोगों का जमावड़ा लग गया औऱ पुलिस को सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंची और बाजार में लड़ रही महिलाओं को रोकने की कोशिश की, इसी बीच किसी ने महिलाओं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वहीं पुलिस के मुताबिक, दोनों को पुलिस स्टेशन लाया गया था। बाद में, उन्होंने इस मुद्दे को आपस में सुलझा लिया। कोई औपचारिक शिकायत दोनों ही तरफ से नहीं मिली हैं।

पूरी घटना को लेकर स्टेशन हाउस ऑफिसर (महिला पुलिस स्टेशन) कंचन कटियार ने कहा कि किशोरी ने महिला को ‘आंटी’ कहा था, जिसके बाद महिला ने लड़की से छेड़छाड़ और मारपीट की। लड़की ने भी जवाबी कार्रवाई की। दोनों पक्षों को पुलिस स्टेशन लाया गया और उनके परिवारों को बुलाया गया। उन्होंने इस मुद्दे को आपस में सुलझा लिया। लड़की और महिला दोनों ही अच्छे परिवारों के थे। कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। ” घटना के बाद भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल, विशेष रूप से महिला कांस्टेबलों को बाजार में तैनात किया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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