Popular Food: भारत खूबसूरत राज्यों से बना एक प्रसिद्ध देश है। जो अपनी संस्कृति और परंपराओं के चलते दुनिया भर में पहचाना जाता है। यहां के हर राज्य की अपनी परंपरा और विशेषता है, जो उसे दूसरी जगह से बेहतर बनाने का काम करती है। हिमाचल प्रदेश यहां का एक प्रसिद्ध राज्य है जहां के सुंदर प्राकृतिक नजारे सैलानियों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
हिमाचल की हसीन वादियों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पर घूमने के लिए पहुंचते हैं। यहां ऊंचे ऊंचे पहाड़, घास के मैदान और अद्भुत प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं। जब आप हिमाचल जाएंगे तो सुंदर नजारों का दीदार करने के साथ आपके यहां स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने को भी मिलेगा। अगर आप घूमने के लिए हिमाचल जा रहे हैं तो आज हम आपके यहां के कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों के बारे में बताते हैं जिनका स्वाद आपको जरूर लेना चाहिए।
धाम
यह हिमाचल प्रदेश की स्वादिष्ट व्यंजनों से भरी हुई एक थाली है। इसमें राजमा, दाल, चावल और दही जैसी चीज खाने को मिलती है। गुड़ इन सब चीजों के स्वाद को बढ़ाने का काम करता है। यह थाली आपको सबसे ज्यादा चंबा और मनाली में खाने को मिलेगी।
तुड़किया भात
यह हिमाचल प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध रेसिपी में से एक है। जब भी वहां अच्छा खाने पीने की बात निकलती है तो इसका नाम जरूर सामने आता है। चावल, मटर, मसूर की दाल, इलायची, टमाटर, आलू और दालचीनी के मिश्रण से तैयार होने वाला ये व्यंजन देसी घी के साथ बहुत लाजवाब लगता है।
माद्रा
यह हिमाचल के चंबा और कांगड़ा जिले में बहुत ही आसानी से मिल जाता है। इसे भीगे हुए छोले या चने से बनाया जाता है। तेल में पकाकर इसके अंदर दालचीनी, इलायची, जीरा, धनिया पाउडर, लौंग और हल्दी जैसे मसाले डाले जाते हैं। इन मसालों की वजह से इनका स्वाद काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
भेय
यह एक बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन है जिसका स्वाद आप हिमाचल के किसी भी कोने में ले सकते हैं। वहां के घरों में से खास तौर पर बनाया जाता है। यह लोटस यानि कमल के फूल से तैयार होता है। इसे बनाने के लिए पहले लोटस के तने को पतला पतला काटा जाता है। फिर उसमें प्याज, लहसुन, अदरक डालकर बेसन में पकाया जाता है। यह खाने में चटपटा होता है।
सिद्धू
अब तक आपने किसी व्यक्ति का नाम सुना होगा लेकिन हिमाचल में इस नाम की डिश भी मिलती है। यह गेहूं के आटे से बनी रोटी है। इसे बनाने के लिए गेहूं और खमीर के मिश्रण का उपयोग होता है। इसे गूंथने के बाद कम से कम चार-पांच घंटे छोड़ दिया जाता है। इस देसी घी, दाल और चटनी के साथ परोसा जाता है।