Heatwave: क्या आपको पता है कब किया जाता है हीटवेव का ऐलान? कैसे तय किया जाता है इसका कलर कोड? पढ़ें खबर

Heatwave: गर्मी के मौसम में भारतीय मौसम विभाग गर्मी के कारण होने वाले हीटवेव को लेकर कई राज्यों में चेतावनी जारी करता है, लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल उठा हैं आखिर कब हीटवेव की चेतावनी जारी की जाती हैं?

Rishabh Namdev
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Heatwave: गर्मी के मौसम में भारतीय मौसम विभाग गर्मी के कारण होने वाले हीटवेव को लेकर कई राज्यों में चेतावनी जारी करता है, लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल उठा हैं आखिर कब हीटवेव की चेतावनी जारी की जाती हैं कितने टेम्प्रेचर पर हीटवेव को लेकर चेतावनी दी जाती हैं, या फिर कैसे इसका कलर कोड तय किया जाता हैं? यदि आप भी इन सवालों के जबाब जानना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की हैं। इस खबर में हम आपको हीटवेव को लेकर पूरी जानकारी देने वाले हैं।

दरअसल उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी से लोगों के हालात बेहाल हो रहे हैं। वहीं आपको जानकारी होगी कि हीटवेव का ऐलान करते मौसम विभाग द्वारा समय एक खास कलर कोड का उपयोग किया जाता है, जिससे लोगों को गर्मी की गंभीरता का अंदाजा हो सके। तो चलिए इसे जानते है कब कौन सा कोड इस्तेमाल किया जाता हैं।

ऐसे समझे हीटवेव का कलर कोड:

माइल्ड हीटवेव (Yellow): दरअसल यदि मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होता है, तो इसे माइल्ड हीटवेव (Yellow) कहा जाता है। इस दौरान लोगों को सतर्क रहना चाहिए कि वह गर्मी से बचाव के सभी उपायों का पालन करें।

गंभीर हीटवेव (Orange): वहीं हीटवेव की स्थिति तब गंभीर हो जाती है, जब तापमान सामान्य से अधिक या 4°C-5°C तक अधिक होता है, तो फिर इसे विभाग द्वारा गंभीर हीटवेव का कलर कोड ऑरेंज कर दिया जाता है। दरअसल जब ऑरेंज अलर्ट होता हैं तो इस समय में लोगों को खुद को गर्मी से बचाने के लिए काफी ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।

रेड हीटवेव (Red): अगर किसी स्थान पर तापमान सामान्य से 6°C या उससे ज्यादा हो, तो उसे शानदार हीटवेव या रेड अलर्ट कहा जाता है और उसका कलर कोड लाल होता है। दरअसल ऐसी गर्मी के समय में लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतनी होगी और गर्मी के खतरों से बचाव के उपायों का पालन भी करना चाहिए।

दरअसल आपको बता दें कि हीटवेव का ऐलान भारतीय मौसम विभाग के सर्फेस ऑब्जर्वेटरी के बड़े नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है, जो पूरे देश में विभिन्न मौसमी पैरामीटर को मापता है। इसके जरिए तापमान, दबाव, हवा की गति और दिशा जैसी चीजों को भी ठीक तरह से मापा जाता है और उच्च तापमान की स्थिति का कलर कोड भी विभाग द्वारा तय किया जाता है।

जानकारी के अनुसार हीटवेव के कलर कोड का इस्तेमाल आमतौर पर लोगों को गर्मी से बचाव के उपायों को समझने में मदद करता है इसीलिए इसका इस्तेमाल किया जाता हैं और यह आम लोगों को इस समस्या के प्रति अधिक सतर्क भी बनाता है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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