Fri, Dec 26, 2025

Jalebi History: 500 साल से ज्यादा पुराना है स्वादिष्ट जलेबी का इतिहास, जानें भारत में कहां से आई ये मिठाई

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Jalebi History: 500 साल से ज्यादा पुराना है स्वादिष्ट जलेबी का इतिहास, जानें भारत में कहां से आई ये मिठाई

Jalebi History Hindi: जलेबी हमारे देश का एक ऐसा स्वादिष्ट व्यंजन है जिसका नाम सुनते ही किसी के भी मुंह में पानी आ जाएगा। हर गली-मोहल्ले और नुक्कड़ पर खाने के लिए यह चीज आसानी से मिल जाती है। मीठी, करारी और स्वादिष्ट जलेबी बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को पसंद होती है। अलग-अलग शहरों में इसे खाने का तरीका भी अलग है कोई इससे दूध के साथ खाता है तो कोई दही और रबड़ी के साथ जलेबी का आनंद लेता है।

भारत के साथ बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान समेत अरब मुल्कों में भी जलेबी एक लोकप्रिय व्यंजन के तौर पर खाई जाती है। भारत में तो इसे राष्ट्रीय मिठाई कहा जाता है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जलेबी हमारे देश का व्यंजन नहीं है। ये विदेश से आई हुई एक मिठाई है जो भारत के हर कोने में मिलती है और बहुत ही फेमस है। ठीक है इसके आकार की तरह इसका इतिहास भी है।

यहां जानें Jalebi History

आमतौर पर जलेबी सादे तरीके से बनाई जाती है लेकिन लोगों को पनीर और खोया के साथ बनाई गई जलेबी भी बहुत अच्छी लगती है। इस स्वादिष्ट व्यंजन का इतिहास 500 साल पुराना है। ईरान में इसे जुलाबिया और जुलुबिया के नाम से जाना जाता है। टर्की के आक्रमणकारी जब भारत पहुंचे तो उनके साथ यह व्यंजन भी यहां पर पहुंच गया। इसके बाद इसके नाम आकार और स्वाद में बदलाव आता चला गया।

15वीं शताब्दी तक जलेबी भारत के हर त्यौहार में इस्तेमाल की जाने वाली खास डिश बन चुकी थी। मंदिरों में इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाने लगा था। जलेबी नाम अरेबिक और फारसी शब्दों से मिलकर बना है। मध्यकालीन युग में लिखी गई एक पुस्तक में जलाबिया नामक मिठाई का वर्णन मिलता है जो पश्चिम एशिया का शब्द है।

हर जगह है अलग नाम

देश के अलग अलग राज्यों में इस मिठाई को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। दक्षिण भारत में इसे जिलेबी तो उत्तर भारत में इसे जलेबी कहा जाता है। गुजरात में इसे दशहरा और अन्य त्योहारों पर फाफड़ा के साथ खाने का प्रचलन है।

मध्यप्रदेश के इंदौर में जलेबा मिलता है जो 300 ग्राम का होता है। बंगाल में चनार जिल्पी, आंध्रप्रदेश में इमरती और झांगिरी के नाम से ये व्यंजन मिलता है। दूसरे देशों में भी ये व्यंजन अलग आकारों और नाम से जाना जाता है।