Travel Destination: देवी मां के आदेश पर किया गया था पानीपत के इस मंदिर का निर्माण, 250 साल पुराना है इतिहास

देश भर में कई देवी मंदिर है जो अपने चमत्कारों के चलते पहचाने जाते हैं। चलिए आज हम आपको पानीपत के एक खास मंदिर के बारे में बताते हैं।

Diksha Bhanupriy
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Travel Destination: भारत एक बहुत ही खूबसूरत देश है। यहां के हर राज्य की अपनी संस्कृति और परंपरा है जिसकी वजह से उसे पहचाना जाता है। भारत में घूमने के लिए कई सारे ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद है। यहां सभी धार्मिक स्थलों की खास विशेषता है जिसके चलते उन्हें पहचान जाता है।

भारत में एक नहीं बल्कि अनेक मंदिर है जो अपने चमत्कारों के चलते प्रसिद्ध है। 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग तैयारी शुरू कर चुके हैं। नौ दिनों के इस पर्व में माता मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। चलिए आज हम आपको हरियाणा में मौजूद एक माता मंदिर के बारे में बताते हैं।

हम जिस माता मंदिर की बात कर रहे हैं वहां पर हमेशा भक्तों का मेला लगा रहता है। यहां हर समय मेले की तरह दुकानें सजी रहती है। यहां आप कभी भी जाएं हमेशा आपको नवरात्रि का एहसास होगा। अगर आप चैत्र नवरात्रि में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो पानीपत के इस मंदिर जा सकते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि स्वयं माता की इच्छा पर यहां मंदिर का निर्माण किया गया है।

पानीपत का देवी मंदिर

यह देवी मंदिर पानीपत का सबसे बड़ा और खास मंदिर है। यहां दर्शन के लिए लोगों की भीड़ दूर-दूर से पहुंचती है। यह एक तालाब के किनारे बसा हुआ है जिसमें अब पानी नहीं बचा है। नवरात्रि के दौरान यहां रामलीला का आयोजन होता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। यहां सभी देवी देवताओं की मूर्ति विराजित है। इस मंदिर का इतिहास ढाई सौ साल पुराना है और लोगों का कहना है कि इसे 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था।

मंदिर का इतिहास

मंदिर के इतिहास के बारे में जो जानकारी मिलती है उसके मुताबिक यहां स्थापित देवी की मूर्ति एक सुनसान जगह पर मिली थी। जब इस मूर्ति को उठाकर मंदिर में स्थापित करने के बारे में सोचा गया और मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। तब मूर्ति को एक स्थान पर संभाल कर रखा गया। दूसरी सुबह देखने पर यह मूर्ति अपने आप उसी जगह पर पहुंच गए जहां से इसे उठाया गया था। यह चमत्कार देखकर इसे माता की आज्ञा मान गया और उसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करने का फैसला लिया गया।

कैसे पहुंचे मंदिर

इस मंदिर तक पहुंचना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। यह पानीपत के तहसील कैंप क्षेत्र में मौजूद तालाब के किनारे पर बना हुआ है। रेलवे स्टेशन से 20 से 25 मिनट का रास्ता तय कर आप यहां पहुंच सकते हैं। बस स्टेशन से यहां पहुंचने में केवल 20 मिनट का समय लगता है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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