Vegan Diet : फिटनेस के साथ पर्यावरण संरक्षण भी, जानिये वीगन डाइट के फायदे

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इन दिनों वीगन डाइट (vegan diet) का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। फिटनेस के लिए और वजन नियंत्रित करने के लिए वीगन डाइट को काफी उपयोगी माना जा रहा है। कई सेलेब्रिटिज़ और आम लोग भी वीगन अपनाते जा रहे हैं। इसके पीछे फिटनेस के साथ ही पशुओं के साथ निर्ममता रोकने और पर्यावरण संरक्षण की धारणा भी शामिल है।

वजन घटाना है तो सोईये, इस तरह पा सकते हैं मोटापे से छुटकारा

वीगन शाकाहार से एक कदम आगे की स्थिति मानी जाती है। इसमेंं पशुओं या उनके द्वारा उत्पादित किसी भी तरह की वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाता है। वीगन डाइट में दूध (milk), दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, दही, मक्खन, शहद, अंडे या मांस का सेवन नहीं होता है। वीगन डाइट फॉलो करने वाले सब्जी, फल, बीज, होल ग्रेन्स, नट्स और ड्राई फ्रूट्स का ही सेवन करते हैं। अक्सर डाइट से आगे बढ़कर भी वीगन अन्य बातों का ध्यान रखते हैं जिनमें ऐसे उत्पादों का प्रयोग नहीं करते जो पशुओं से प्राप्त किया गया हो। इसमें सिल्क, चमड़े के उत्पाद, ऐसी वस्तुएं जिनमें किसी जानवर के अवशेष हो उनका इस्तेमाल भी नहीं करते हैं। ये बात पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहद अहम साबित हो रही है।

वीगन डाइट भी कई तरह की होती हैं। इनमें होल फूड वीगन डाइट (whole food vegan diet), रॉ फूड वीगन डाइट (raw food vegan diet), 80/10/10 वीगन डाइट (80/10/10 vegan diet), स्टार्च सोल्यूशन वीगन डाइट (starch solution vegan diet) आदि शामिल है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा न के बराबर होती है। इसलिए ये सेहत के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है। साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं जिससे स्वास्थ्य बेहतर होता है। ये कार्बन फुटप्रिंट को घटाने में भी सहायक होती है। कम कैलोरी और अधिक प्रोटीन शरीर को ऊर्जावान रखते हैं साथ ही ये भोजन सुपाच्य भी होता है।

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News