जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। डायबिटीज जिसे पहले राजरोग कहा जाता था। आज के समय में आम बीमारी हो गयी है। पहले यह बीमारी एक उम्र के बाद आती थी। जब शरीर की कार्यक्षमता धीमी हो जाती थी। लेकिन अब यह बीमारी 35 के पर उम्र लोगों को भी अपना शिकार बना रही है। जिससे सामान्य जीवन जीना अत्यंत कष्टदायी हो गया है। किसी पार्टी में जाना हो, कोई घर का फंक्शन हो या कुछ और व्यक्ति अब जांच परख कर खता है कि किस्से कितना शुगर मिलेगा या फिर कहीं कोई डिश उनके शुगर लेवल को न बढ़ा दे।
विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे कई टिप्स और आहार हैं जिनके मदद से शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। जी हाँ खाद्य पदार्थ को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल कर शुगर लेवल को कण्ट्रोल कर सकते हैं। इसी क्रम में हम आपको बता रहे हैं काला चना के बारे में। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत होने के साथ साथ मधुमेह के लिए भी असरकारक है। आपको सुनकर हैरानी होगी लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए काले चने का पानी फायदेमंद है।
मधुमेह रोगियों के लिए काला चना आदर्श भोजन है। 13 ग्राम डाइटरी फाइबर होता है काले चने की एक कप में। उच्च फाइबर शर्करा को कम करता है। चने में दो तरह के फाइबर होते हैं पहला घुलनशील और दूसरा अघुलनशील। मधुमेह के अलावा यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी प्रतिबंधित करता है एवं वजन घटाने के लिए भी उपयुक्त है।
काले चने का घुलनशील फाइबर शर्करा को नियंत्रित करता है और जटिल कार्ब्स को धीरे धीरे पचाता है। शर्करा के अचानक वृद्धि को यह रोककर अत्यधिक भूख लगने की बीमारी से छुटकारा दिलाता है। कला चना एंथोसायनिन, एंटीऑक्सिडेंट, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, डेलफिंडिन, साइनाइडिन का एक अच्छा मिश्रण हैं जो रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह फोलेट, अन्य खनिजों और मैग्नीशियम से भरपूर होने के कारण धमनियों, में रक्त के थक्कों के निर्माण को रोकता है। आयुर्वेद के अनुसार, वात, कफ और पित्त को काला चना संतुलित करता है।
काले चने के पानी को तैयार करने की विधि
सबसे पहले काले चने को अच्छी तरह से धो लें। अब रातभर भिगोने के लिए रख दें। सुबह इसे पानी सहित उबालें, एक्स्ट्रा पानी भी डाल सकते हैं। जब चना पक जाये तो पानी को छान लें। अब इसमें थोड़ा सा नींबू या काला नमक भी मिला कर पियें, स्वाद और बढ़ जाएगा।
इस उपयोग करने से पहले डॉ. से राय अवश्य ले लें।