हेयर स्ट्रेटनिंग से कैंसर? आइए पढ़ें इससे जुड़े नए शोध के बारे में

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हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। बालों (Hair) को सुंदर और आकर्षित बनाने के लिए आजकल लड़कियां कई तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती है। इतना ही नहीं बालों को स्ट्रेट करवाने के लिए भी नए-नए तरीके आजमाती है। लेकिन वह ये नहीं जानती कि केमिकल हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स (hair straightening) का इस्तेमाल करने से सेहत को क्या समस्या हो सकती है। वह केमिकल हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल तो कर लेती है लेकिन बाद के लिए ये उनके लिए हानिकारक बन कर साबित होता है। क्योंकि कहा जाता है कि इससे महिलाओं को यूटरस का कैंसर (Uterus Cancer) हो सकता है। जी हां, इसका खुलासा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक स्टडी में हुआ है।

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जानें क्या कहती है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की स्टडी –

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि जिन महिलाओं ने केमिकल हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया उन को यूटरस के कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है। वहीं जो इसका इस्तेमाल नहीं करता है वो इस बड़ी बीमारी से बच जाता है। हालांकि जब रिसर्च की गई तो कई ऐसे प्रोडक्ट भी सामने आए जिनसे यूटरस के कैंसर का कोई संबंध नहीं है। इसमें शामिल है हेयर डाई, ब्लीच, हाइलाइट्स या पर्म्स आदि।

NIEHS की अगुवाई में हुई रिसर्च –

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जानकारी के मुताबिक, NIEHS की अगुवाई में जो रिसर्च की गई उसकी स्टडी में करीब 33,497 अमेरिकी महिलाओं पर रिसर्च की गई। इन महिलाओं की उम्र 35 से 74 साल के बीच थी। ऐसे में ये पता लगाया गया कि इस उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और शरीर की दूसरी दिक्कतों के साथ यूटरस कैंसर के सबसे ज्यादा यानी 378 मामले सामने आए। ये भी बात सामने आई है कि इन सभी महिलाओं ने हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया था जिसके बाद ये सभी यूटरस कैंसर से पीड़ित है। इन महिलाओं में यूटरस कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा रही। वहीं जिन महिलाओं ने इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं किया उनमें इसकी संभावना नहीं देखी गई।

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इसको लेकर NIEHS की एनवायरमेंट एंड कैंसर एपिडेमियोलॉजी ग्रुप के हेड और इस स्टडी की प्रमुख लेखिका एलेक्जेंड्रा व्हाइट द्वारा बताया गया कि स्टडी में ये पता चला है कि 1.64% महिलाएं, जिन्होंने कभी हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल नहीं किया उन्हें यूटरस कैंसर आसानी से नहीं हो सकता अगर हुआ भी तो 70 साल की उम्र तक हो सकता है। लेकिन जो बार बार इसका इस्तेमाल करते है उनके लिए ये 4.05% तक खतरा बढ़ जाता है। ये भी पता लगाया गया है कि यूटरस कैंसर दूसरे कैंसर के मुकाबले काफी ज्यादा खतरनाक है। साल 2022 में इसके 65,950 नए मामले सामने आ सकते हैं। स्टडी में ये पता लगाया गया है कि अमेरिका में यूटरस कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अश्वेत महिलाओं में खासकर इसका असर देखने को मिल रहा हैं।

 

 


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

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