What is Festival blues : जब सारी दुनिया उत्सव की खुशियों में डूबी हो..चारों तरफ उल्लास का माहौल हो, क्या आपको ऐसे में कभी बेचैनी, अवसाद या घबराहट महसूस होती है। क्या आपको भी त्योहार उदास करते हैं ? अगर ऐसा है तो ये एक मानसिक अवस्था है जिसे फेस्टिवल ब्लूज़ या फेस्टिवल एंजाइटी कहते हैं। इस स्थिति में त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान घबराहट, बेचैनी और डर की भावना महसूस होती है।
इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें सामाजिक दबाव, परिवार की अपेक्षाएँ, व्यक्तिगत समस्याएँ और फिर व्यक्ति का एकाकी स्वभाव भी हो सकता है। फेस्टिवल ब्लूज़ में लोग त्योहारों के समय हर्ष और उत्साह की बजाय उदासी और निराशा का अनुभव करते हैं। यह भावना आमतौर पर महत्वपूर्ण आयोजनों या छुट्टियों के बाद होती है, जैसे कि नए साल, दीवाली या क्रिसमस के बाद।
क्या है Festival blues
फेस्टिवल ब्लूज़ एक मानसिक स्थिति है जिसमें कुछ लोग उत्सव के अनुभव के बाद उदासी, चिंता या अवसाद की भावना महसूस करते हैं। इसे “पोस्ट-फेस्टिवल ब्लूज़” “फेस्टिवल एंजाइटी” या “फेस्टिवल कमडाउन” के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर लोग पर्व-त्योहार को लेकर उत्साहित होते हैं और उत्सवधर्मिता से प्रति उनका गहरा आग्रह भी होता है। लेकिन कई लोगों का अनुभव इससे उलट भी होता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें त्योहार या किसी आयोजन से पहले, उसके दौरान या फिर बाद में बेचैनी, घबराहट, अकेलापन या डिप्रेशन महसूस होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं।
फेस्टिवल ब्लूज़ के कारण
अकेलापन : त्योहारों के दौरान, समुदाय की एक गहरी भावना विकसित होती है। लेकिन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कुछ लोग अपने प्रियजनों से दूर होने की भावना का अनुभव करते हैं, जो अकेलेपन को बढ़ा सकता है। वहीं कई लोग त्योहारों के दौरान अपने प्रियजनों से दूर होते हैं, जिससे अकेलेपन की भावना बढ़ सकती है।
सामान्य जीवन में लौटना : लोग उत्सव के दौरान भीड़भाड़ और सक्रियता का अनुभव करते हैं और उसके बाद कई लोगों के लिए शांत वातावरण में लौटना कठिन हो सकता है। जब उत्सव समाप्त हो जाता है, तो यह “सामान्य जीवन” में लौटने जैसा महसूस होता है। यह बदलाव कई लोगों के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है
सामाजिक दबाव : त्योहारों के दौरान लोगों को अक्सर बड़ी संख्या में लोगों के साथ मिलना पड़ता है, जिससे घबराहट और सामाजिक दबाव की भावना बढ़ सकती है। खासकर यदि कोई व्यक्ति बहुत सोशल नहीं हो तो उसे भीड़भाड़ और सामाजिक गतिविधियाँ चुनौतीपूर्ण लग सकती है।
अवसाद और अकेलापन : त्योहारों का मौसम अक्सर उन लोगों के लिए कठिन होता है जिन्होंने किसी प्रियजन को खोया हो या जो अकेलापन महसूस कर रहे हैं। इससे अवसाद की भावनाएँ और बढ़ सकती हैं, जिससे एंजाइटी का अनुभव होता है।
नशीली दवाओं और शराब का सेवन : उत्सवों के दौरान अधिक शराब पीना या नशीली दवाओं का सेवन करना, पोस्ट फेस्टिवल की उदासी को बढ़ा सकता है। इन पदार्थों के प्रभाव से शरीर की रासायनिक स्थिति में अचानक बदलाव होता है, जिससे उदासी की भावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
शारीरिक थकान : लगातार उत्सवों में भाग लेना, खान-पान की गलत आदतें और नींद की कमी भी फेस्टिवल ब्लूज़ का कारण बन सकती हैं
इस स्थिति से कैसे निपटें
फेस्टिवल ब्लूज़ अगर लगातार महसूस हो और आपकी सामान्य दिनचर्या में बाधा उत्पन्न करे तो ये एक समस्या बन सकती है। इसीलिए इससे निपटने के लिए सही तरीके अपनाना महत्वपूर्ण है। अपने अनुभवों पर ध्यान देना, भावनाओं को स्वीकार करना और भविष्य के उत्सवों की योजना बनाना इन भावनाओं को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। फेस्टिवल ब्लूज़ से निपटने के लिए कुछ व्यावहारिक कदम उठाए जा सकते हैं, जो मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायक हैं:
1. स्वीकार करें और समय दें : फेस्टिवल ब्लूज़ एक सामान्य अनुभव है। इसे असामान्य न मानें और खुद को इन भावनाओं को महसूस करने की अनुमति दें। यह स्वीकार करना कि यह अस्थायी भाव है, आपको इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहने में मदद करता है
2. सकारात्मक गतिविधियाँ : नियमित रूप से व्यायाम करना, प्रकृति के सान्निध्य में समय बिताना और अपनी पसंद के काम करने से राहत मिल सकती है। ये गतिविधियाँ मस्तिष्क में एंडॉर्फिन का स्तर बढ़ाती हैं, जिससे मूड में सुधार होता है
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3. सोशल सपोर्ट : दोस्तों और परिवार के सदस्यों से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है। अपने अनुभव साझा करना और आपकी बात सुनने समझने वाला व्यक्ति ढूंढना भावनात्मक समर्थन प्रदान करता है। इसके अलावा, यदि आपको लगता है कि आपकी स्थिति गंभीर हो रही है तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना उचित होगा
4. स्वयं की देखभाल : त्योहारों के बाद खुद पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है। संतुलित भोजन करना, पर्याप्त नींद लेना और अपने आप को आराम देना भावनाओं को स्थिर रखने में सहायक हो सकता है।
5. नई योजनाएँ बनाएं: आगे बढ़ने के लिए कुछ सकारात्मक योजना बनाना फेस्टिवल ब्लूज़ से बाहर निकलने का अच्छा तरीका है। चाहे वह एक छोटी यात्रा हो, नई किताबें पढ़ना हो या नयी हॉबी अपनाना हो। नई गतिविधियाँ मानसिक ऊर्जा और उत्साह का संचार करती हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं। आवश्यक होने पर विशेषज्ञ की सलाह लें।)