Sunscreen लगाते समय ना करें ये गलतियाँ, इन 4 बातों का रखें ख्याल, दूर हो जाएगी टैनिंग की समस्या

Sunscreen Tips: गर्मियों के मौसम में धूप से चेहरा खराब होने लगता है। टैनिंग की समस्या बेहद ही नॉर्मल हो जाती है। सूर्य की हानिकारक से त्वचा को बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना फायदेमंद माना जाता है। सनस्क्रीन त्वचा को हानिकारक किरणों से बचाता है। लेकिन क्या आपको पता है यदि इससे सही से ना लगाया जाए तो टैनिंग की समस्या भी हो सकती है। आइए जाने सनस्क्रीन को लगाते समय कैसी गलतियां नहीं करनी चाहिए।

बार-बार लगाए सनस्क्रीन

सनस्क्रीन को एक बार लगाकर लोग इसे पर्याप्त समझते हैं, लेकिन यह आपकी सबसे बड़ी गलती है। धूप में जाने बाहर जाने के 3 से 4 घंटे के बाद आपको फिर से सनस्क्रीन लगाने की जरूरत होती है। बाहर निकलने के बाद और पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।

SPF का रखें ख्याल

सनस्क्रीन खरीदते समय इसके एसपीएस का ध्यान जरूर रखें। कम एसपीएफ का मतलब होता है सूर्य की हानिकारक किरणों से कम बचाव होना। ज्यादा एसपीएफ हानिकारक किरणों से ज्यादा प्रोटेक्शन देता है।

आसमान में बादल होने पर भी लगाए सनस्क्रीन

अक्सर लोग बारिश के मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते। लेकिन ऐसा करना गलत है। इसका इस्तेमाल बारिश के मौसम में भी करना चाहिए ताकि आपकी स्किन को टैनिंग से बची रहे।

सनस्क्रीन लगाने का सही समय

सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमेशा सही समय पर करना चाहिए। घर से बाहर जाने से करीब 15 मिनट पहले त्वचा पर सनस्क्रीन अप्लाई करनी चाहिए। ऐसा करने से सनस्क्रीन आसानी से त्वचा पर एब्जोर्ब हो जाता है और अधिक प्रोटेक्शन होता है।

(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MPBreakingNews इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News