Stage Fear: क्या आपको भी सताता है स्टेज फीयर, रोज 15 मिनट करें ये काम, डर हो जाएगा छूमंतर

Stage Fear: स्टेज फियर, जिसे परफॉर्मेंस एंग्जायटी के रूप में भी जाना जाता है, एक आम समस्या है जो लोगों को दर्शकों के सामने बोलने या परफॉर्म करने पर डर और घबराहट का अनुभव कराती है। यह विभिन्न स्थितियों में हो सकता है।

भावना चौबे
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Stage Fear: हम सभी जिंदगी में किसी न किसी चीज से जरूर डरते हैं। इन्हीं डर में से एक है स्टेज का डर। हम कितने भी निडर क्यों ना हो हम कितने ही बातूनी क्यों ना हो और शायद कितने ही फ्रैंक ही क्यों ना हो लेकिन जब तक स्टेज पर जाकर 10 लोगों के सामने अपनी बात रखने की बारी आती है तो अक्सर अंदर एक डर बैठ जाता है। स्टेज पर जाते ही कई लोगों के हाथ पैर में कंपकंपाहट होने लगती हैं। इस समस्या को पब्लिक स्पीकिंग फोबिया कहा जाता है। कई बार ऐसा होता है कि लोग बहुत कुछ अच्छा बोलने के लिए तैयारी करके आते हैं लेकिन जैसे ही स्टेज पर चढ़ते हैं तो वह सब कुछ भूल जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि एक खास मुद्रा का अभ्यास करने से इस डर को दूर किया जा सकता है। इसी के चलते आज हम आपको बताएंगे कि आखिर यह मुद्रा का अभ्यास कैसे किया जाता है इसके क्या-क्या लाभ होते हैं तो चलिए जानते हैं।

कैसे करते हैं उत्तरबोधि मुद्रा

पब्लिक स्पीकिंग का डर हटाने के लिए जिस मुद्रा का अभ्यास किया जाता है उसे उत्तरबोधि मुद्रा कहा जाता है।

1. इस मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले एक शांत जगह पर बैठ जाए। इस मुद्रा को करने के लिए आप नीचे आसान बिछाकर भी बैठ सकते हैं या फिर आप कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं।

2. अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटने पर आराम से टिकाएं। दोनों हथेलियां को ऊपर की ओर आकाश की ओर करें।

3. इसके बाद दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे से फंसा लें। इसके बाद दोनों हाथों के अंगूठे और तर्जनी उंगलियों को मिलाएं।

4. ध्यान रखें कि अंगूठे की दिशा नीचे की ओर होनी चाहिए और तर्जनी उंगलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए।

5. उंगलियों को सही तरीके से फसाने के बाद इसी अवस्था में हाथों को अपनी नाभि के पास रखें।

5. इस मुद्रा का अभ्यास रोजाना कम से कम 15 से 20 मिनट जरूर करें। ऐसे में धीरे-धीरे आपका स्टेज का डर खत्म हो जाएगा।

उत्तरबोधि मुद्रा करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं

उत्तरबोधि मुद्रा करने से आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ती है। इस मुद्रा को करने से मन शांत रहता है और धीरे-धीरे डर खत्म हो जाता है। इससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यह मुद्रा आपको क्रिएटिव बनाने में मदद करती है। चिंता और तनाव जैसी समस्याएं भी खत्म हो जाती है। यह ध्यान बढ़ाने और डर को खत्म करने की सबसे अच्छी मुद्रा मानी जाती है।

कब करना चाहिए उत्तरबोधि मुद्रा

सुबह का समय उत्तरबोधि मुद्रा करने का सबसे उत्तम समय माना जाता है। क्योंकि सुबह के समय मन शांत रहता है वातावरण भी अनुकूल रहता है। इसलिए सुबह के समय 10 बजे से पहले पहले इस मुद्रा को करने से अच्छा लाभ मिल सकता है। इसके अलावा जब भी आपको लगे कि आपके मन, शरीर और आत्मा को तरोताजा करने की आवश्यकता है तब आप इस मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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