Election ink: क्या आप जानते है इतनी आसानी से क्यों नहीं जाती है चुनावी स्याही? पढ़ें यह खबर

Election ink: देश में इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होगा। वहीं इसके पहले चरण के चुनाव 19 अप्रैल को पूरे हो गए हैं। जिसके बाद अब दुसरे चरण की तैयारी की जा रही हैं। वहीं आज हम इस खबर में चुनाव से समबंधित एक विशेष विषय पर बात करने वाले हैं।

Rishabh Namdev
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Election ink: लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण का चुनाव पूरा हो चुका है और अब दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार अब अपने ऊंचाई पर है। सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा जमकर प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं। वहीं आपको बता दें कि पहले चरण में देशभर में लगभग 60 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस चुनावी माहौल के दौरान, हम आज चुनावी स्याही के बारे में जानेंगे, जिसे चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, हम इस स्याही के निर्माण और उपयोग के बारे में भी चर्चा करेंगे।

क्या होती है चुनावी स्याही?

दरअसल स्याही एक विशेष प्रकार की रंग की चिह्नित करने वाली सामग्री है जो मतदानकर्मी आपकी उंगली पर लगाते हैं ताकि यह चिन्हित हो सके कि आपने मतदान किया है या नहीं। यह रंग हल्दी की तरह नहीं होता है, और इसका निशान इतनी आसानी से नहीं जाता है यह कई दिनों तक दिखाई देता है। दरअसल यह असल में सिल्वर नाइट्रेट होता है।

आसानी से क्यों नहीं जाता निशान:

यह स्याही इंसान के त्वचा और नाखूनों में चिपक जाती है और इसे बहुत दिनों तक हटाना मुश्किल होता है। इसका निशान तभी हटता है जब नई कोशिकाएं त्वचा पर बनती हैं और नए नाखून उगते हैं। दरअसल चुनाव के करीब आते ही या वोटिंग वाले दिन इस चुनावी स्याही पर चर्चा जरूर होती हैं।

सामान्यतः, चुनावी स्याही में सिल्वर नाइट्रेट के साथ अन्य पदार्थों का भी उपयोग होता है, लेकिन इसके निर्माण की विधि का विवरण साझा नहीं किया जाता है। इसे बनाने की प्रक्रिया का खुलासा नहीं किया जाता है। दरअसल ऐसा करना प्रतिबंधित माना जाता हैं। आपको बता दें कि यह स्याही चुनाव का अभिन्न हिस्सा हैं। जिस प्रकार से चुनाव में वोटर्स का महत्त्व है वैसे ही चुनाव में इस स्याही का भी महत्त्व हैं।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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