Eye twitching: दरअसल आज हम इस लेख में आंखों के फड़कने पर बात करेंगे। आज हम जानेंगे की क्या आंखों का फड़कना सही है या फिर गलत? क्या आंखों के फड़कने से कोई दुर्घटना हो सकती है या फिर यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। आज हम इसको लेकर विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र दोनो के बारे में जानेंगे। अक्सर ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार आंखों के फड़कने को गलत माना जाता है। वहीं विज्ञान इसे किसी बीमारी का संकेत बताता हुआ नजर आता है।
दरअसल शास्त्रों के अनुसार आंखों के फड़कने का ये संकेत भविष्य की भविष्यवाणी कर सकता है। कई बार यह आपके जीवन में किसी बड़े बदलाव का संकेत भी दे सकता है। हालांकि एक वैज्ञानिक शैली जिसे ‘निमिथ शास्त्र’ भी कहा जाता है। यह सिर्फ शकुन का अध्ययन ही नहीं भारतीय ज्योतिष विद्या का हिस्सा भी माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार किस आंख का फड़कना होता है शुभ?
दरअसल भारतीय संस्कृति में आंखों के फड़कने को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं ऐसा भी कहा जाता है, की व्यक्ति की बायीं और दायीं आंखों के फड़कने का अलग-अलग मतलब हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार महिलाओं के लिए बायीं आंख का फड़कना अच्छा और शुभ माना जाता है, वहीं उनकी दायीं आंख का फड़कना उनके लिए अशुभ संकेत देता हैं। आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार, पुरुषों की आंखों का महिलाओं की आंखों से ठीक उल्टा होता है। यानी पुरूषों के लिए बाईं आंख का फड़फड़ना बेहद गलत माना जाता है, वहीं उनकी दाईं आंख का फड़कना उनके लिए काफी शुभ माना जाता है।
क्या कहता है इसके बारे में विज्ञान:
वहीं इस विषय में विज्ञान का कहता है हम यह जानना भी बेहद जरूरी हो जाता हैं। दरअसल वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो आंखों का फड़कना मांसपेशियों में किसी परेशानी की वजह हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है की यदि व्यक्ति की नींद ठीक तरह से पूरी नहीं होती है तो ऐसे में आंखों के फड़कने की समस्या उसे हो सकती हैं। हालांकि विज्ञान का मानना यह भी है की कई बार ऐसा इसीलिए भी हो सकता है जब व्यक्ति के दिमाग में कुछ टेंशन हो या अधिक थकान हो।
दरअसल आंखों के फड़कने को लेकर विज्ञान और शास्त्र अपनी अपनी बातें कहते है। कई लोग विज्ञान को मानते है और कई लोग शास्त्रों पर विश्वास करते है।