भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक स्वस्थ शरीर और मन के लिए अच्छी आदतें, आचार विचार और व्यवहार की जरुरत है। आप बीमार पड़ने के बाद किसी डाइट या जीवनशैली को अपनाएं, इससे अच्छा है कि पहले से ही अपनी फूड हैबिट्स और दिनचर्या बेहतर रखें। आयुर्वेद (Ayurved) में कुछ जरुरी बातें बताई गई है, जिन्हें अपनाकर आप खुद को सेहतमंद रख सकते हैं।
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- आयुर्वेद के अनुसार सूर्योदय के कम से कम एक घंटा पहले जाग जाना चाहिए। हमारे घरों के बुजुर्ग भी हमें ब्रह्म मुहूर्त में जागने को कहते थे। ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से 1 घंटा 36 मिनिट पहले शुरु होता है और इसकी अवधि सूर्योदय के 48 मिनिट पहले तक रहती है।
- सुबह पानी पिएं, लेकिन ध्यान रहे कि पानी कमरे के तापमान अनुसार होना चाहिए। रात में तांबे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह उसे पिएं।
- हर रोज आंखों को त्रिफला के पानी से साफ करें। इससे ज्योति बढ़ेगी और आंखें स्वस्थ रहेंगी।
- ऑइल पुलिंग करने से मुंह का स्वास्थ्य ठीक रहता है। अपने मसूढ़ें जबड़ा और दांतों को मजबूत बनाने के लिए गुनगुने तिल के तेल से गरारे करे। इसे मुंह में चारों ओर घुमाएं, थोड़ी देर होल्ड करें और फिर थूक दें। इसके बाद उंगली से मसूढ़ों की मसाल करें।
- दो बूंद तिल या सरसों का तेल या फिर घी अपनी नाक में डालें। इससे बाल असमय सफेद नहीं होंगे, झड़ेंगे नहीं और नींद अच्छी आएगी।
- रोज व्यायाम करें और इसके बाद नहा लें। नियमित व्यायाम के एक घंटे बाद नहाना चाहिए।
- रात को 8 बजे से पहले भोजन कर लें। रात का भोजन सादा व हल्का हो और इसके बाद थोड़ी देर टहलना चाहिए।
- नस्य से कई बीमारियां दूर हो सकती है। नस्य का अर्थ है दोनों नासिका छिद्र में गाय के गुनगुने घी की दो तीन बूंदें डालें। इससे आंख की रोशनी और आवाज अच्छी रहती है। नाक से प्राणों का पोषण होता है ये उसे स्निग्ध रखने में सहायक है।
(डिस्क्लेमर – ये बातें आयुर्वेद की जानकारी पर आधारित है। इनपर अमल से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें)