General Knowledge : क्या आप जानते हैं किसी को थप्पड़ मारने पर भारतीय कानून में क्या है सजा का प्रावधान? पढ़िए यह खबर

General Knowledge : भारत में किसी को थप्पड़ मारना अपराध की श्रेणी में आता है, ऐसी गतिविधियों के लिए कानूनी सजा का प्रावधान है। तो चलिए आज हम इस खबर में आपको यह बताएंगे कि भारत में किसी को थप्पड़ मारने पर आपके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

Rishabh Namdev
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General Knowledge : भारत में हर विषय पर कानून बना है। हम सभी यह जानते हैं कि हमारे देश में कानून ही सर्वमान्य है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश के कानून में किसी को थप्पड़ मारने की क्या सजा है? दरअसल आपको बता दें कि हमारे देश में किसी को थप्पड़ मारना एक कानूनी अपराध है। यदि कोई ऐसा करता है तो वह भारतीय कानून के तहत, अपराधी माना जाता है। तो चलिए आज हम इस खबर में आपको यह बताएंगे कि भारत में किसी को थप्पड़ मारने पर आपके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

क्यों उठा यह सवाल?

भारत में किसी को थप्पड़ मारना अपराध की श्रेणी में आता है, ऐसी गतिविधियों के लिए कानूनी सजा का प्रावधान है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इस बात पर चर्चा क्यों की जा रही है? दरअसल हाल ही में एक ऐसी घटना घटी है, जिसने यह सवाल को उठा दिया है कि आखिर भारत में इसे लेकर क्या सजा है? जानकारी के मुताबिक, मंडी से सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर गुरुवार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की महिला सुरक्षाकर्मी पर थप्पड़ मारने का आरोप है। वहीं यह घटना तब हुई जब कंगना और महिला सुरक्षाकर्मी के बीच कुछ कहासुनी हो गई।

इतनी मिलती है सजा:

दरअसल यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि, किसी को थप्पड़ मारने की क्या सजा मिलती है। वहीं आपको बता दें कि ऐसे मामलों में, पुलिस भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 के तहत मामला दर्ज करती है। IPC की धारा 323 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाता है, तो उसे एक साल तक की जेल हो सकती है। इसके अतिरिक्त, एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों का दंड भी दिया जा सकता है। यदि यह साबित हो जाता है कि घटना के दौरान किसी ने दुर्व्यवहार करके यह कृत्य किया है, तो अदालत सजा को बदलने का अधिकार रखती है।

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को डराने के लिए आपराधिक बल या प्रतीकात्मक हमला करता है, जिससे भले ही कोई शारीरिक नुकसान नहीं होता है, लेकिन पीड़ित व्यक्ति को घबराहट होती है, तब भी ऐसा करने वाला व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 358 के तहत दोषी माना जाएगा।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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