General Knowledge: जब हम किसी धूल मिट्टी भरी जगह पर जाते हैं, तो अक्सर हमें छींक आ जाती है। यही हाल है बच्चों से लेकर बड़ों तक के लोगों का। वहीं कई बार ऐसा होता है कि हमारी नाक में कुछ तीखी सुगंध या छोटी-छोटी धूल के कण चले जाते हैं, जिससे हमें छींक आ जाती है। दरअसल इसका कारण है शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया, जिसमें हमारे शरीर नाक से बाहर किसी गंदगी या अज्ञात वस्तु को बाहर निकालने के लिए छींक का उपयोग करता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर छींक आते समय हमारी आँख क्यों बंद हो जाती हैं? यदि आपके मन में भी कभी यह सवाल उठता है तो आज इस खबर में हम आपको इसका जवाब देने जा रहे हैं।
क्या है इसका कारण?
जानकारी के अनुसार, जब हम छींकते हैं तो उसकी गति तकरीबन 160 किमी प्रति घंटा होती है। इस दौरान हमारी आंखें अक्सर बंद हो जाती हैं। इस प्रतिक्रिया के पीछे का कारण बहुत गहरा है और इसे विज्ञानिक रहस्य माना जाता है। कुछ लोग इसे ऐसे करने का कारण बताते हैं कि ऐसा न करने पर आँखों में बाहर आने की संभावना होती है।
दरअसल जब हम छींकते हैं, तो हमारी आंखें बंद हो जाना एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। आसान भाषा में कहें तो, यह शरीर की स्वभाविक प्रतिक्रिया है जिसमें हवा तेजी से बाहर निकलती है। छींक को रोकने या दबाने से शरीर को नुकसान हो सकता है।
जानें क्यों आती है छींक?
ऐसा माना जाता है कि छींकना शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है जिसमें नाक और लंग्स से हवा को मुंह और नाक के जरिए बाहर निकाला जाता है। यह एक रक्षात्मक क्रिया है जो शरीर को किसी अनजाने या नुकसानदायक तत्वों से मुक्त करने में मदद करती है। अगर नाक में कोई जरुरी या बुरी चीज प्रवेश करती है, तो यह प्रतिक्रिया हमें सुरक्षित रखने का काम करती है और वो बाहर निकल जाती है।