दादी माँ के नुस्खे : प्रकृति और परंपरा का संगम, जानिए ये आसान और असरदार घरेलू उपाय

हमारे बड़ों के हाथों में जैसे कोई जादू होता है। उनके पास जाते ही, उनके एक स्पर्श से ही हमें राहत मिल जाती है। हमारे बुजुर्गों के पास अनुभवजनित ज्ञान का असीम भंडार है और इसमें से कुछ मोती बीच बीच में वो हमें देते रहते हैं। इसीलिए, अपने बड़ों की सीख और हिदायतों को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि ये बातें हमारी पारंपरिक जीवनशैली, स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ गहराई से जुड़ी होती हैं।

Shruty Kushwaha
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Grandma’s Remedies : हम सब अपने घरों में बचपन से कुछ सीख, नसीहतें और आदतें देखते-सुनते आए हैं। बड़े बुजुर्गों की ये सीख हमारी बेहतरी के लिए होती है। और इनमें दादी माँ के नुस्खे तो बहुत ही खास होते हैं। ये नुस्खे पीढ़ी दर पीढ़ी परखे गए होते हैं और लंबे अनुभव के आधार पर इनका उपयोग किया जाता है।

दादी मां के नुस्खों में आम तौर पर घरेलू और प्राकृतिक चीजें जैसे हल्दी, तुलसी, शहद, अदरक, और आसपास मौजूद वस्तुओं का ही उपयोग होता है, जो सुरक्षित और प्रभावी होते हैं। इन उपायों में कोई हानिकारक रसायन नहीं होते हैं जिससे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। वहीं ये आसान और किफायती भी होते हैं। इन्हें आसानी से घर में उपलब्ध चीजों से बनाया जा सकता है।

अनुभव और ज्ञान की परंपरा

दादी मां के नुस्खे सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए ही असरदार नहीं हैं, बल्कि यह हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने और पारंपरिक ज्ञान को सहेजने की प्रेरणा भी देते हैं। ये घरेलू नुस्खे हमें अपनी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान स्वयं करने का आत्मविश्वास देते हैं। इन्हें अपनाकर हम स्वस्थ और सस्टेनेबल जीवन जी सकते हैं। आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ असरदार नुस्खे लेकर आए हैं।

दादी माँ के नुस्खे 

1. हिचकी रोकने का नुस्खा: जीभ पर शहद की एक बूंद लगाकर चाटें। इससे हिचकी तुरंत रुक सकती है। शहद में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और इसकी गर्मी से हिचकी रुक सकती है.

2. सिर दर्द के लिए: जायफल को पानी में घिसकर इसका लेप माथे पर लगाएं। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है। जायफल की तासीर गर्म होती है और इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। जायफल फ़ाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है।

3. पाचन सुधारने के लिए: पका हुआ बेल का गूदा और शहद मिलाकर खाएं। यह पेट की समस्याओं को दूर करता है। बेल में मौजूद फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, आयरन, और विटामिन पाचन तंत्र को मज़बूत करते हैं

4. सर्दी-जुकाम के लिए: तवे पर 2-3 लौंग हल्का भून लें और इसका पाउडर बनाकर शहद के साथ खाएं। शहद और लौंग के सेवन करने से पाचन भी बेहतर होता है

5. जले हुए स्थान पर आराम: नारियल के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे आराम मिलता है और जलन कम होती है। नारियल के तेल और कपूर में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो जले हुए निशान को मिटाने में भी मदद करते हैं। कपूर का ठंडा प्रभाव खुजली और जलन को कम कर सकता है।

6. घाव भरने के लिए: हल्दी और सरसों के तेल का लेप घाव पर लगाएं। यह संक्रमण को रोकता है और जल्दी ठीक करता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं और इन्फ़ेक्शन को फैलने से रोकते हैं। सरसों के तेल में जीवाणुरोधी और एंटी-फंगल गुण होते हैं। यह हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है.

7. मांसपेशियों के दर्द के लिए: लहसुन की 2-3 कलियां सरसों के तेल में गर्म करें और दर्द वाले हिस्से पर मालिश करें। लहसुन में मौजूद एलिसिन नाम का कंपाउंड मांसपेशियों में दर्द कम करने में मदद करता है। सरसों के तेल में लहसुन मिलाकर मालिश करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. इससे थकान दूर होती है और एनर्जी मिलती है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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