Winter Superfood Green Pea : सर्दी के मौसम में हरी मटर का उपयोग खाने में सबसे ज्यादा किया जाता है। कई व्यंजन ऐसे होते हैं जिनमें मटर का उपयोग स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन इसमें सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाले गुण ही नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक हैं। मटर एक सुपर फूड के रूप में जानी जाती है, जिससे शरीर को कई तरह के फ़ायदे मिलते हैं।
प्रोटीन से भरपूर होती हैं मटर
हमारा शरीर प्रोटीन का उपयोग मांसपेशियों, हड्डियों, त्वचा और उपास्थि (कार्टिलेज) को बनाने और उनकी मरम्मत के लिए करता है। अधिकांश वयस्कों के लिए प्रतिदिन की प्रोटीन की अनुशंसित मात्रा उनकी कुल कैलोरी की 10 से 35 फ़ीसदी तक होती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति 2,000 कैलोरी आहार में लेता है, तो उसे प्रतिदिन लगभग 100 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। एक कप मटर में 8.58 ग्राम प्रोटीन होता है, जो इस जरूरत को पूरा करने में सहायक हो सकता है।
दिल के लिए होती है अच्छी
मटर खाने से दिल को लाभ मिलता है। मटर में फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। इस पर अध्ययन भी किया गया जिसके अनुसार, जिन लोगों ने फली जैसे मटर का सबसे अधिक सेवन किया, उनकी कोरोनरी हृदय रोग विकसित होने की आशंका उन लोगों से 10 फ़ीसदी कम थी जिन्होंने फली का सबसे कम सेवन किया। शोधकर्ताओं ने भी पाया कि हर सप्ताह 400 ग्राम फली खाने से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है।
ब्लड शुगर रहती है नियंत्रित
मटर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए इसे खाने के बाद रक्त शर्करा का स्तर तेजी से नहीं बढ़ता। हरी मटर में पाए जाने वाले फाइबर और प्रोटीन रक्त शर्करा के स्तर को अचानक बढ़ने से रोक सकते हैं, जिससे मधुमेह को नियंत्रित रखना आसान होता है। इसके अतिरिक्त, अध्ययन दशति हैं कि मटर में मौजूद मैग्नीशियम टाइप-2 मधुमेह के खिलाफ सुरक्षा कर सकता है।
वज़न प्रबंधन में भी कारगर
मटर में कैलोरी कम होती है। साथ ही उच्च प्रोटीन और फाइबर की मात्रा लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराती है, जो वजन प्रबंधन में मदद कर सकती है। अध्ययन के अनुसार प्रोटीन सबसे अधिक संतोषजनक मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जो पाचन को धीमा करता है और खाने के बाद संतोष की भावना को बढ़ाता है।
आंखों की कर सकती है रक्षा
मटर में विटामिन-ए होता है, जो आंखों को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा, मटर में ल्यूटिन और जेक्सैथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो उम्र से संबंधित मैकुलर डीजेनरेशन से रक्षा कर सकते हैं।
पाचन में कर सकती है मदद
हरी मटर में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। अध्ययन बताते हैं कि फाइबर आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे जठराग्नि की समस्याओं का जोखिम कम होता है। फाइबर से कब्ज का खतरा कम होता है।
मटर को आहार में करें शामिल
मटर की सब्जी बनाना या सब्जी में मटर का उपयोग करना ठीक है। परंतु इसका सेवन इस प्रकार करें कि आपको इसमें मौजूद सारे पोषक तत्व पूर्ण रूप से मिल सके।
सूप और स्ट्यू-
सूप या स्ट्यू में मटर मिलाकर खाएं।
सलाद- सलाद में मटर डालकर खा सकते हैं। चाहें तो मटर को हल्का-सा भाप में पका लें।
स्मूदी-
स्मूदी में मटर मिलाकर प्रोटीन और पोषण बढ़ा सकते हैं।
स्नैक्स – भुनी मटर को स्नैक्स के रूप में खाएं या ऊपर से डिश पर सजाएं। मटर को छौंक लगाकर भी सेवन कर सकते हैं।’
*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।