Health: हार्मोनल इंबैलेंस महिलाओं में एक आम समस्या है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि तनाव, खराब आहार, अनियमित व्यायाम, और नींद की कमी। हार्मोनल इंबैलेंस कई तरह के लक्षणों का कारण बन सकता है, जैसे कि अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग, वजन बढ़ना, और थकान। हार्मोनल इंबैलेंस को दूर करने के लिए महिलाएं अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर सकती हैं। ये चीजें हार्मोन को संतुलित करने और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
हार्मोनल इंबैलेंस दूर करने के लिए डाइट में क्या शामिल करें
फल और सब्जियां
फल और सब्जियां विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे कि पालक, ब्रोकली, और केल, विशेष रूप से फायदेमंद होती हैं।
चिया सीड्स
चिया सीड्स फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। फाइबर रक्त में चीनी के अवशोषण को धीमा कर सकता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक्स और क्रैश को रोकने में मदद मिल सकती है।
फ्लेक्स सीड्स
फ्लेक्स सीड्स जिसे अलसी के बीज कहा जाता है। फ्लेक्स सीड्स स्वास्थ्य के लिए कई महीनो में फायदेमंद हो सकते हैं। यह एस्ट्रोजन लेवल को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। इन्हें आप अपनी डाइट में कई प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे चटनी, रोटी और रोस्टेड सीड्स की तरह।
साबुत अनाज
साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद करते हैं। रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव हार्मोनियल इंबैलेंस का कारण बन सकता है। ऐसे में साबुत अनाज का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है, इससे हारमोंस भी बैलेंस हो जाते हैं और पीरियड्स भी नियमित हो जाते हैं।
इन चीजों का न करें सेवन
1. प्रोसेस्ड फूड: प्रोसेस्ड फूड में अक्सर चीनी, नमक, और अस्वास्थ्यकर वसा की मात्रा अधिक होती है, जो हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा सकता है।
2. कैफीन: कैफीन मूड स्विंग और चिंता को बढ़ा सकता है, जो हार्मोनल इंबैलेंस के लक्षणों को बदतर बना सकता है।
3. अल्कोहल: अल्कोहल हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है और हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा सकता है।
4. चीनी: चीनी रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है, जो हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा सकता है।
डाइट के अलावा करें ये काम
1. नियमित व्यायाम: व्यायाम हार्मोन को संतुलित करने और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
2. पर्याप्त नींद: नींद हार्मोन के उत्पादन और संतुलन के लिए आवश्यक है।
3. तनाव कम करें: तनाव हार्मोनल इंबैलेंस को बढ़ा सकता है। योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने के व्यायाम तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।