जिम जाने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर, दिल की इन जांचों को करवाना है बेहद जरुरी

heart attack

हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। आजकल हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। कई बार सुनने में आता है कि व्यक्ति को जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान ही दिल का दौरा पड़ जाता है तो कभी खेल मैदान में खेलते वक्त दिल का दौरा पड़ जाता है। इसके पीछे कई तरह के कारण होते हैं। इसको लेकर इंदौर के हार्ट विशेषज्ञ डाक्टर भरत रावत ने बताया है कि अमेरिका हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हफ्ते में ढाई से पांच घंटे माडरेट इंटेंनसिटी व्यायाम एक इंसान के लिए काफी होता है। लेकिन इससे ज्यादा का व्यायाम करने सेहत के लिए ठीक नहीं माना जाता है।

ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर पर कोई फायदा नहीं होता – 

लेकिन कई लोग दिखावे के लिए कर लेते हैं बाद में उन्हें ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि कोई बीमारी होने की वजह से हार्ट पर प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है। ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर पर कोई फायदा नहीं होता है लेकिन इसे नुकसान जरूर देखने को मिलते हैं। डॉक्टर ने आगे बात करते हुए बताया है कि कुछ ऐसे लोग भी होते है जिनमें कोई भी हार्ट अटैक के लक्षण नहीं होते है लेकिन उसके बाद भी वह इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं और इसका अंजाम तक उन्हें भुगतना पड़ता है।

ईसीजी और ब्लड टेस्ट – 

अगर किसी व्यक्ति को अचानक कोई बीमारी हो जाए तो उसके हार्ट पर सीधा असर पड़ता है। लेकिन इसका पता मेडिकल टेस्ट में भी पता नहीं लगाया जा पता है। उसके बाद भी हार्ट अटैक आ जाता है। इन दिनों इसके मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। क्योंकि अगर नलियाें में ब्लॉकेज हो जाता है और अगर ऐसा होने के बाद दिल में खून की सप्लाई करने वाली तीन से चार मिलीमीटर चौड़ी नलियाें में ब्लॉकेज हो जाता है जिसकी वजह से अगर ज्यादा एक्सरसाइज कर ली जाए तो वह सीधा दिल पर जोर देती है। जिसकी वजह से कुछ लोगों की मौत हो जाती है तो कुछ की सिर्फ जांच ईसीजी और ब्लड टेस्ट के जरिए पता लगा कर एंज्योग्राफी करके ब्लॉकेज खोल दिया जाता है।

इन वजह से ज्यादा रहती है हार्ट अटैक की संभावना –

परिवार की पुरानी हिस्ट्री, ब्लड प्रेशर, डायबिटिज, कोलेस्टर और तंबाकू

जिम जाने के पहले अनिवार्य रूप से करवाए ये जांच –

ईसीजी, इको और टीएमटी के साथ ही आप लिपोप्रोटीन ए, एचए सीआरपी, क्रोनिक क्लेशियम करवाए ऐसे में अगर परिणाम सही नहीं आते हैं तो दवाइयां अभी से ही शुरू कर दें।

इन चीज़ों को ना करें अनदेखा –

एसिडिटी मानकर कई बार दर्द को अनदेखा किया जाता है जो नहीं करना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर से चेकअप करवाना बेहद जरुरी है। अगर डॉक्टर को नहीं दिखाया और इसको एसिडिटी ही समझी तो वो चीज़ बाद में समस्या खड़ी कर सकती है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं। मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

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