गुड़हल के पौधों में चाहिए ढेरों फूल? माली के ये 2 आसान टिप्स जरूर अपनाएं

Hibiscus Care: अगर आप चाहते हैं कि आपका गुड़हल का पौधा हमेशा खूबसूरत फूलों से भरा रहे, तो आपको उसकी सही देखभाल करनी होगी। कई लोग शिकायत करते हैं कि उनके गुड़हल के पौधे में फूल ही नहीं आते या बहुत कम खिलते हैं।

Hibiscus Care: घर में खिले हुए रंग-बिरंगे फूल ना सिर्फ़ घर की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि वातावरण को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। फूलों की ख़ुशबू मन मस्तिष्क को सुकून देने का काम करते हैं। रंग-बिरंगे फूलों को अपने घरों में लगाने का शौक लगभग सभी को होता है। अपने इसी शौक़ को बरकरार रखने के लिए लोग अपने घरों में तरह-तरह के फूलों वाले पौधे लगाते हैं, इन्ही फूलों वाले पौधों में से एक है गुड़हल का पौधा।

गुड़हल के लाल न सिर्फ़ घर की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि वातावरण को शुद्ध बनाने में भी मदद करते हैं। इन फूलों को लाल फूल और देवी का फूल भी कहा जाता है, यह फूल माता दुर्गा को अत्यंत प्रिय है। लोगों को अपने घर में गुड़हल का पौधा तो लगा लेते हैं लेकिन वे इसकी अच्छे से देखभाल नहीं कर पाते हैं, यही कारण है कि गुड़हल का पौधा सूख जाता है।

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कैसे करें गुड़हल के पौधों की देखभाल 

सरसों की खली

गुड़हल के पौधों की अच्छी देखभाल के लिए, सरसों की खली को बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। गुड़हल के पौधों के लिए सरसों की खली एक टॉनिक की तरह काम करती है। यह पौधों को ज़रूरी पोषक तत्व प्रदान करती है।

कैसे करें सरसों की खली का इस्तेमाल?

सरसों की खली का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले, सौ ग्राम सरसों की खली में कम से कम एक लीटर पानी डालें। अब इसे कम से कम 24 घंटे के लिए ऐसा ही छोड़ दें। इस घोल को कम से कम 15 दिन में एक बार अपने पौधों में ज़रूर डालें। इससे पौधा हमेशा स्वस्थ रहेगा और ढेर सारे फूल भी देगा।

केले के छिलके

पौधों की अच्छी देखभाल के लिए केले के छिलकों को भी बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। केले के पौधों में वे सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो एक पौधों को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह एक ऐसी खाद के रूप में काम करता है जो पौधों को तेज़ी से बढ़ाने में मदद करता है।

कैसे करें केले के छिलकों का इस्तेमाल?

पौधों में इसका इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले, छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इसके बाद इन छिलकों को कम से कम 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। अगले दिन इस पानी को छान लें, और फिर इस पानी को पौधों में डालें, इसका इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में आपको फ़र्क नज़र आने लगेगा।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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