Hindu Marriage Act: हमारे देश में सबसे बड़ी आबादी हिंदुओं की हैं। ऐसे में हमे हिंदू मैरिज एक्ट के बारे में जानकारी होना जरूरी हैं। दरअसल यह तो काफी लोग जानते हैं की जब किसी कपल के बीच रिश्ते बिगड़ जाते है तो उनके तलाक तक बात पहुंच जाती हैं और कोर्ट में उनका तलाक करा दिया जाता हैं। लेकिन क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया हैं कि यदि तलाक हो जाने के बाद किसी कपल में सब ठीक हो जाए और अगर वे फिर से शादी करना चाहे तो क्या यह संभव है? क्या कोर्ट इसकी इजाजत देता है? या क्या हमारा हिंदू मैरिज एक्ट इसकी इजाजत देता हैं।
दरअसल हमारे देश में शादी के रिश्ते को बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। वहीं आपको जानकारी होगी की भारत में साल 1955 में हिंदुओं की शादी को लेकर ही हिंदू मैरिज एक्ट बनाया गया था। जानकारी दे दें की हिंदुओं को सिर्फ एक ही शादी की इजाजत मिली है। यानी अगर कोई व्यक्ति दूसरी शादी करना चाहता हैं तो उसे अपने पहले पार्टनर से तलाक लेना अनिवार्य होता हैं। दरअसल तलाक के बाद वह व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता हैं।
जानकारी दे दें कि हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार यह कानून दोनों के लिए बराबर हैं यानी चाहे वह पुरुष हो या महिला दोनों के लिए यह कानून बराबर है। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या कभी किसी का तलाक हो जाए और बाद में वे फिर से एक दूसरे के साथ रहना चाहे तो क्या ऐसा हो सकता हैं?
हम आपको बता दें कि हिंदू मैरिज एक्ट के अनुसार तलाक लेने के बाद भी कपल दोबारा साथ रह सकते हैं। लेकिन यदि दोनों में से पति या पत्नी किसी ने भी तलाक लेने के बाद शादी कर ली है तो फिर ऐसे में वापस से एक साथ रह पाना मुश्किल है।
दरअसल वैसे तो हिंदू मैरिज एक्ट में कोई रोक टोक नहीं हैं यानि आप अगर साथ रहना चाहते हैं तो यानी दोबारा शादी कर सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी दूसरे धर्म से है तो फिर आपको हिंदू धर्म के कानून के मुताबिक शादी करने का अधिकार होगा।