Psychological facts : मनोविज्ञान शारीरिक तथा भावनात्मक प्रक्रियाओं का अध्ययन करने वाली शाखा है जो मानव विकास, व्यवहार, भावनाओं और मानसिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है। इसके अंतर्गत लंबे समय से विभिन्न विषयों पर अध्ययन होते रहे हैं और इनके द्वारा कई दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य प्राप्त हुए हैं।
मनोवैज्ञानिक तथ्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न अनुसंधान विधियों का उपयोग किया जाता है। इनमें प्रयोगात्मक अध्ययन, सर्वेक्षणात्मक अध्ययन, केस स्टडी, न्यूरोवेस्टिगेशन, मेटा एनालिसिस आदि विधियाँ शामिल होती हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य बताने जा रहे हैं जो आपको हैरान कर देंगे।
दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य
- हम ये चाहते हैं कि हमारे जीवन में कम से कम समस्याएँ हों। एक ऐसा जीवन जहां सुख और सुकून रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके मस्तिष्क को समस्याएँ पसंद हैं ? ये बात हैरान करने वाली है लेकिन मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक़ मनुष्य का दिमाग़ हमेशा समस्याओं का पता लगाने का प्रयास करता है क्योंकि यह उन समस्याओं को हल करने के लिए ही बना है। ये भी एक प्रमुख कारण है कि हमारे मस्तिष्क को बार-बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
लेकिन ये भी जरुरी है कि अपनी समस्याओं का निदान किया जाए और ख़ुद पर उनका नकारात्मक प्रभाव न पड़ने दें। क्योंकि मनोवैज्ञानिक अध्ययन कहता है कि एक नकारात्मक चीज़ कम से कम पाँच सकारात्मक यादों को नुकसान पहुँचा सकती है। मनोविज्ञान के अनुसार हमारा मस्तिष्क सकारात्मकता की अपेक्षा नकारात्मकता को अधिक याद रखता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति सहकर्मी से मिली प्रशंसा पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इस बात को अधिक याद रखेगा कि उसके बॉस ने किस तरह उसे डाँटा या सहकर्मीन ने कैसे उसका सहयोग नहीं किया। इसीलिए हमें अपने दिमाग़ को सकारात्मकता की ओर मोड़ने का प्रयास करते रहना चाहिए।
क्या आप जानते हैं कि रूप-रंग का सीधा संबंध हमारे मूड से होता है। हमारे पहनावे का भी मूड से संबंध होता है। यह आपको खुश, तरोताजा और सकारात्मक मूड में रखने में मदद करता है। शायद आपने भी ये महसूस किया हो कि जब आप अच्छे से तैयार होते हैं और मनपसंद कपड़े पहनते हैं तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। इसीलिए अपने लुक्स को लेकर भी सजग रहना चाहिए।
एक रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य ये भी है कि साहसिक कार्यों पर पैसा खर्च करना हमें खुशी देता है। मनुष्य तब अधिक संतुष्ट होता है जब वो यात्रा करने, फिल्में देखने, खेल खेलने आदि जैसे साहसिक कार्यों पर पैसा खर्च करता है। इससे हमें खुशी का एहसास होता है और हम रोजमर्रा की नीरस दिनचर्या से तनाव मुक्त हो जाते हैं।
- ख़ाली दिमाग़ शैतान का घर…ये कहावत तो आपने सुनी ही होती। इसका तात्पर्य है कि हमें किसी न किसी काम में ख़ुद को व्यस्त रखना चाहिए। मनोविज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है। एक रिसर्च के अनुसार व्यस्त रहने का मतलब है खुश रहना। खुद को काम में व्यस्त रखने से आप बेहद खुश रहते हैं। इसका कारण यह है कि व्यस्तता के दौर में जीवन की नकारात्मकता के बारे में सोचने का समय ही नहीं मिलता है।
क्या आप जानते हैं कि लोग अपनी स्वामित्व वाली वस्तुओं को सबसे अधिक महत्व देते हैं। दरअसल चीज़ें तब अत्यधिक मूल्यवान होती हैं जब वे आपकी होती हैं। यही कारण है कि व्यक्तिगत संपत्ति को छोड़ना बहुत मुश्किल है, भले ही वे विशेष रूप से उपयोगी न हों।
- ये बात आपको आश्यर्य में डाल सकती है लेकिन एक रिसर्च से ये तथ्य सामने आया है कि साथी और वस्तुओं को चुनने के पीछे का कारक समान हैं। इसीलिए ऑनलाइन डेटिंग कंपनियां और ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं के विपणन के लिए समान मनोवैज्ञानिक पैटर्न का उपयोग करती हैं। बात चाहे बात चीजों को चुनने की हो या जीवनसाथी चुनने की, हमारे निर्णय लेने वाले कारक समान होते हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)