सर्वाइकल कैंसर से बचाने में मदद करती है ये वैक्सीन, ऐसे करती है काम, इन लोगों के लिए हो सकती है खतरनाक

Cervical Cancer

Cervical Cancer : कैंसर जैसी बीमारी इन दोनों सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है। लगातार अलग-अलग प्रकार के कैंसर से लोग जूझ रहे हैं। किसी को मुंह का कैंसर हो रहा है तो किसी को गले, सिर, गर्दन और प्राइवेट पार्ट का कैंसर। ये बीमारी सबसे ज्यादा खतरनाक और दर्दनाक मानी जाती है।

इसकी वजह से कई लोगों की जान तक चली जाती है। क्योंकि कैंसर के इलाज में कीमो थैरेपी के साथ ऑपरेशन होता है जिसमें कैंसर वाले पार्ट को शरीर से अलग कर दिया जाता है। इसके कई स्टेज भी होते हैं। आखिरी स्टेज तक पहुंचने के बाद लोगों की जान बच पाना मुश्किल हो जाती है। इसी से बचने के लिए लोगों को पहले ही इसकी वैक्सीन लगा दी जाती है।

जी हां, कैंसर से बचाव के लिए एक वैक्सीन होती है जिसे एचपीवी वैक्सीन के नाम से जाना जाता है। ये सर्वाइकल कैंसर से बचाने में मदद करती हैं। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। चलिए जानते हैं कैसे काम करती है एचपीवी वैक्सीन और किन लोगों के लिए इसे लगाना सही माना जाता है किसके लिए गलत।

सर्वाइकल कैंसर शरीर के अलग अलग हिस्सों में होने वाले कैंसर में से एक माना जाता है। महिलाऐं सबसे ज्यादा इसकी चपेट में आती है। ये बेहद गंभीर बीमारी है। इसकी वजह से महिलाओं की जान तक चली जाती है। लेकिन इससे बचाव के लिए महिलाऐं एचपीवी वैक्सीन लगवा सकती है। ये वैक्सीन इस बीमारी को रोकने में और आगे बढ़ने से रोकने में मदद करती है।

क्या है Cervical Cancer से बचाव करने वाली HPV Vaccine?

एचपीवी, जिसे ह्यूमन पेपिलोमावायरस कहा जाता है। ये एक खतरनाक वायरस है जो यौन गतिविधियों से फैलता है। इसके दो तरह के स्ट्रेन पाए जाते हैं। एक जो प्राइवेट पार्ट में मस्से या गांठ बनाते हैं और दूसरे जो कैंसर का कारण बनते हैं। इस वायरस से बचने के लिए एचवीपी वैक्सीन लगाई जाती है। जो महिलाओं और पुरुषों को इससे बचाने में मदद करती हैं। ये वैक्सीन सिर्फ कैंसर से बचाव के लिए लगाई जाती है। इसकी मदद से वजाइना, वल्वा, पेनिस या एनस कैंसर से सुरक्षा मिलती है। इतना ही नहीं ये मुंह, गले, सिर और गर्दन के कैंसर से भी बचाने के लिए कारगर मानी जाती है।

कौन लगवा सकता है ये वैक्सीन?

एचपीवी वैक्सीन 9 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को लगाई जा सकती है। हालांकि एचपीवी के नियमित वैक्सीनेशन के लिए 11 या 12 साल की उम्र तय की है। इस वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है। 15 से 26 साल की उम्र के लोगों को ये वैक्सीन छह महीने में तीन बार लगाई जाती है।

इन लोगों को नहीं लगवाना चाहिए ये वैक्सीन

अगर कोई प्रेग्नेंट है तो आपको ये वैक्सीन नहीं लगवाना चाहिए। इससे गर्भाशय पर असर पड़ता है। किसी व्यक्ति को एलर्जी हो तो उसे भी इससे बचना चाहिए। जो लोग बीमार है उन्हें भी इस वैक्सीन को नहीं लगवाना चाहिए। इसे लगवाने के लिए पूरी तरह से ठीक होना सबसे ज्यादा जरुरी माना जाता है।

Disclaimer: यहां दी गई सूचना एक सामान्य जानकारी है। इसके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।

 


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Ayushi Jain

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