दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जो कि जन्म से नहीं बना होता। इसमें जाति, धर्म, समुदाय का पहरा नहीं होता। इस रिश्ते को भरोसा, विश्वास, अपनापन के साथ बनाया जाता है। दोस्ती यूं ही किसी के साथ नहीं टिकती। इसके लिए फ्रेंड्स को एक दूसरे के लिए समर्पित रहना पड़ता है। एक दूसरे के लिए हमेशा कोई भी मदद करने के लिए तैयार रहना पड़ता है। सालों साल चलने वाली दोस्ती में दोनों तरफ से बराबर का त्याग, समर्पण, विश्वास और भरोसा होता है। कुछ ऐसी बातें होती हैं, जो लोग अपने पार्टनर, फैमिली, भाई-बहन, इत्यादि से नहीं कर सकते, लेकिन वह बात दोस्त से की जा सकती है। वहीं, दोस्त इस बात को अपने तक सीमित रखकर उसका समाधान निकालने का प्रयास करता है। कुछ लोगों की दोस्ती तो 50 साल पुरानी भी हो जाती है, जो बचपन की दोस्ती कहलाती है।
यूं तो सफर में कई सारे दोस्त मिलते हैं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है… परिस्थितियों बदलती हैं, उनके साथ दोस्ती के मायने भी बदल जाते हैं। लेकिन इन्हीं में से कुछ दोस्त ऐसे रहते हैं जो शुरू से लेकर अंत तक आपके साथ रह जाते हैं। भले ही यह दोनों आपस में बातचीत ना करें, लेकिन जरूरत पड़ने पर एक दूसरे के लिए जान भी देने तक को तैयार रहते हैं।

दोस्ती में मिलता है धोखा
हालांकि, कई बार ऐसा भी देखा गया है कि दोस्ती में भी लोगों को धोखा का सामना करना पड़ता है, जो कि काफी कष्टदायी होता है। जब इंसान किसी से प्यार करता है, तब उसे धोखा मिलता है, तो एक दोस्त होता है जो उसे अच्छे से संभाल लेता है। उसकी हर एक स्थिति को सामान्य करके उसे वापस दुनिया जीना सिखाता है, लेकिन अगर दोस्ती में किसी व्यक्ति को गद्दारी मिल जाए, तो वह सालों साल इस ट्रोमा से बाहर नहीं निकल पाता। यदि आप किसी पर भरोसा करके उससे दोस्ती करते हैं, उसके लिए सारी चीज अपने दिल से करते हैं, लेकिन वही दोस्त अगर आपकी पीठ पीछे षड्यंत्र रचे, आपको नुकसान पहुंचाना चाहे तो यह आपके दिल को और ठेस पहुंचाता। ऐसी स्थिति में आपको खुद को कैसे संभालना है, इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।
पड़ सकता है नकारात्मक प्रभाव
सबसे पहले हम आपको बता दें कि खास दोस्त से धोखा मिलने के बाद इंसान पूरी तरह से टूट जाता है। उसके जीवन में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। कई बार उसे यह चीज एक्सेप्ट करने में दिक्कत होती है कि उसका दोस्त क्या सचमुच ऐसा कर सकता है। वह हर समय खालीपन, अकेलापन और स्ट्रेस फुल रहेगा। कई बार कुछ मूवमेंट को याद करके आंसू भी निकल आते हैं। रिश्ते टूटने की वजह कई बार वह अपने आप को भी मानने लगता है। किसी काम में मन भी नहीं लगता। ऐसा लगता है कि बस सारे गिले-शिकवे भूल कर उसे दोस्त को वापस पा लिया जाए।
साइकोलॉजिस्ट की मानें तो आमतौर पर जब व्यक्ति किसी से भावनात्मक तौर पर जुड़ा होता है और उसे सामने वाले से धोखे की उम्मीद नहीं रहती, इसके बाद भी वह व्यक्ति पीठ में छोड़ घोप जाता है, तो उसे व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर इसका गहरा प्रभाव देखने को मिलता है। जिसे निकालने में उसे कई बार महीने, तो कई बार सालों साल लग जाते हैं, लेकिन इन ट्रिक को अपनाकर इस दुख को भुलाया जा सकता है। साथ ही सभी चीज पहले की तरह सामान्य की जा सकती है।
अपनाएं ये ट्रिक्स
- सबसे पहले इस चीज़ से उभरने के लिए इंसान को यह सोचना चाहिए कि जो हुआ सो हुआ। आपने अपनी तरफ से 100% दिया। अब यह सामने वाले की किस्मत है कि वह आपके इस भरोसे के लायक नहीं था। देर ही सही, लेकिन सच्चाई आपके सामने आई। जब आप इस बात को एक्सेप्ट कर लेंगे, आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे और आप इस स्थिति को फिर से सामान्य कर पाएंगे।
- कई बार ऐसा होता है कि दोस्ती में गद्दारी होने के बाद व्यक्ति किसी से कुछ कह नहीं पता और वह अंदर ही अंदर घटा रहता है। ऐसे में इन बातों को मन में दबाकर ना रखें, बल्कि फैमिली के किसी मेंबर या फिर किसी ऐसे परसों से शेयर करें जो आपकी बात को समझता हो। वह आपको इमोशनल सपोर्ट देगा, जिससे आप अपनी तकलीफ को आसानी से भुला सकते हैं।
- इस स्थिति से खुद को बाहर निकालने के लिए अपने पुराने दोस्तों से कांटेक्ट करें। उनसे मिले, उनसे बातचीत करें। क्योंकि एक दोस्ती टूट जाने का मतलब या नहीं है कि आपकी पूरी दुनिया खत्म हो गई या फिर आप सभी को उसे एक दोस्त की तरह जज करेंगे। ऐसा आपको बिल्कुल भी नहीं करना है, बल्कि आप अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू कर सकते हैं। यकीन मानिए…. यह तरीका आपके लिए बेस्ट साबित हो सकता है।
- दोस्ती टूट जाने के गम में यदि अपने आप को सभी सोशल मीडिया से दूर कर लिया है, तो ऐसी गलती ना करें बल्कि अपने पुराने मित्रों को सर्च करें, जो आपके शहर में ना हों। उनसे बातचीत करें, कभी मौका मिले तो उनके साथ एक कप चाय भी बैठकर पिए। आपके सारे पुराने जख्म भर जाएंगे और आप इस बात को आसानी से भूल सकेंगे।
- अपनी लाइफ को बेहतर सिचुएशन में लाने के लिए अपनी डेली रूटीन को ना बिगाड़ें। आप अपने हर एक काम में मन लगाएं। बाहर घूमने जाएं, सभी से बातचीत करें। आप चाहे तो गाना सुन सकते हैं। यह दुख से उबरने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है, जब आप खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त रखेंगे, तो चीज अपने आप सॉर्ट आउट हो जाएंगे।










