MP Breaking News
Sun, Dec 14, 2025

मल्टीटास्किंग से बढ़ सकता है स्ट्रेस, जानें मोनोटास्किंग किस तरह है मेंटल के लिए फायदेमंद

Written by:Sanjucta Pandit
आज की जिंदगी में लोग मल्टीटास्किंग करते हैं, लेकिन यह स्ट्रेस बढ़ाता और फोकस घटाता है। इसके बजाय मोनोटास्किंग यानी एक समय में सिर्फ एक काम करना, ज्यादा फायदेमंद है।
मल्टीटास्किंग से बढ़ सकता है स्ट्रेस, जानें मोनोटास्किंग किस तरह है मेंटल के लिए फायदेमंद

दुनिया काफी तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसे में लोग जमाने के साथ चलना पसंद करते हैं। इसके लिए उन्हें स्मार्ट वर्क (मल्टीटास्किंग) करना पसंद होता है। ऐसे में वह मल्टीटास्किंग भी करना शुरू कर देते हैं। ऑफिस में एक साथ ईमेल रिप्लाई करना, मीटिंग अटेंड करना, कॉल्स हैंडल करना और रिपोर्ट तैयार करना… सब एक ही समय में करना आपकी काबिलियत को बताता है। आज की दुनिया में आप जितने कम समय में ज्यादा काम करते हैं, उतने ही स्मार्ट कहलाते हैं। हालांकि, इससे आपका दिमाग बुरी तरह से थक जाता है। स्ट्रेस लगातार बढ़ता रहता है और काम की क्वालिटी गिर जाती है।

मल्टीटास्किंग सुनने में स्मार्ट लगता है, लेकिन यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए किसी जहर से कम नहीं है। यह धीरे-धीरे इंसान की मनोस्थिति को बिगाड़ देता है, जिससे उसका किसी भी काम पर से फोकस खत्म हो जाता है।

मोनोटास्किंग

विशेषज्ञों द्वारा की गई स्टडीज के मुताबिक, लगातार मल्टीटास्क करने से स्ट्रेस क्रॉनिक बन सकता है। इससे आपका फोकस और प्रोडक्टिविटी दोनों प्रभावित हो सकती हैं। इससे बेहतर और ज्यादा प्राकृतिक तरीका मोनोटास्किंग है। मोनोटास्किंग यानी एक समय पर सिर्फ एक ही काम करना। अगर आप हर चीज पर पूरी तरह फोकस करेंगे, अपने काम के हर छोटे-छोटे पहलू को समझेंगे और उसे समझदारी से पूरा करेंगे, तो न सिर्फ काम की क्वालिटी बेहतर होगी बल्कि स्ट्रेस भी कम होगा। जब आप मल्टीटास्किंग में फंस जाते हैं, तो दिमाग हर काम में आधा-अधूरा करता है और आपको लगता है कि आप लगातार कुछ कर रहे हैं, लेकिन असल में कोई भी काम पूरी तरह सही नहीं होता। मोनोटास्किंग में आप अपने काम में पूरी तरह मौजूद रहते हैं। इससे मानसिक थकान कम होती है।

फायदे

  • स्ट्रेस कम होता है।
  • काम की क्वालिटी बेहतर होती है।
  • रिश्ते बेहतर होते हैं।
  • जितना काम सही तरीके से करेंगे, उतना ही समय बचता है।

ऐसे बनें मोनोटास्कर

  • कुछ देर के लिए बाहर जाएं और वॉक करें। न कोई म्यूजिक सुनें, न पॉडकास्ट, बस अपने सांसों और आसपास की आवाजों पर ध्यान दें। शुरुआत में यह बोरिंग लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे यह दिमाग को फोकस्ड रखना सिखाता है।
  • खाने के समय कोई टीवी, मोबाइल या नोटिफिकेशन की चीजें न रखें। हर बाइट पर ध्यान दें, फ्लेवर को महसूस करें।
  • 15-20 मिनट का समय निकालें और सूरज के उगते या डूबते दृश्य, बादलों की आकृतियों, पेड़ों और फूलों की सुंदरता पर ध्यान दें। यह छोटे ध्यान अभ्यास आपके फोकस को मजबूत बनाते हैं।

बढ़ेगा फोकस

बता दें कि मल्टीटास्किंग दिखने में स्मार्ट और प्रोडक्टिव लगती है, लेकिन असल में यह स्ट्रेस और मानसिक थकान बढ़ाती है। मोनोटास्किंग काम की गुणवत्ता बढ़ाती है। साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों पर भी सकारात्मक असर डालती है। अगर आप सच में स्मार्ट और बेलेन्स्ड लाइफ जीना चाहते हैं, तो एक समय में एक ही काम करने की आदत डालें। धीरे-धीरे यह आदत आपकी डेलीलाइफ का हिस्सा बन जाएगी। इससे आपको स्ट्रेस कम होगा, काम में फोकस बढ़ेगा।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)