Guru Nanak Jayanti: गुरु नानक जयंती, जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। इस दिन सिख समुदाय गुरु नानक देव जी की टीचिंग्स और उनके द्वारा समाज में फैलाए गए समता, प्रेम और भाईचारे के संदेश को याद करता है।
गुरु नानक देव जी ने मानवता के लिए जो मार्गदर्शन दिया है वह आज भी लोगों के दिलों में जीवितहै। उनका जीवन हमें सच्चाई प्यार और दीन दुखियों की मदद करने का महत्व सिखाता है। इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने के लिए लोग गुरुद्वारे में जाते हैं, विशेष कीर्तन करते हैं और लंगर का आयोजन भी होता है।
गुरुनानक जयंती
गुरु नानक देव जी के अनमोल वचन न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि हर इंसान के लिए एक अमूल्य धरोहर है। उनके उपदेशों में जीवन को सरल सच्चे और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने हमेशा ईश्वर की भक्ति सेवा और मानवता के लिए काम करने की बात की।
उनके विचारों में दीन दुखियों की मदद करना, दूसरों के प्रति प्यार और सम्मान दिखाना और जीवन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना शामिल है। इन वचनों का पालन करके न केवल आप अपने जीवन में संतुलन और शांति ला सकते हैं, बल्कि सफलता की ऊंचाइयों तक भी पहुंच सकते हैं।
गुरु नानक देव जी के ये 5 अनमोल वचन
1. गुरु नानक देव जी के इस वचन में हमें एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए। दूसरों का अधिकार छीनने से न केवल उनका जीवन कठिन होता है बल्कि ऐसे लोग कभी भी समझ में सम्मान प्राप्त नहीं कर पाते।
2. गुरु नानक देव जी का यह वचन हमें यह सिखाता है कि जीवन में लोभ को त्याग कर हमें अपनी मेहनत से धन अर्जित करना चाहिए। किसी भी काम को ईमानदारी और मेहनत से करना सबसे सच्चा मार्ग है। इसके अलावा पैसों की बर्बादी से बचना चाहिए।
3. गुरु नानक देव जी का यह वचन हमें सिखाता है कि जीवन में मेहनत और ईमानदारी से जो भी कमाई होती है उसमें से कुछ हिस्सा हमें गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए। दान करने से न केवल समाज में अच्छा संदेश जाता है, बल्कि हमारे जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाता है।
4. गुरु नानक देव जी का यह वचन हमें यह सिखाता है कि ईश्वर एक है और वह हर जगह मौजूदहै। हमें जीवन में हर किसी से प्रेम पूर्वक और सम्मान के साथ रहना चाहिए क्योंकि सभी जीवों में वही परमात्मा का अंश है।
5. गुरु नानक देव जी का यह वचन हमें यह सिखाता है कि स्त्री और पुरुष में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। गुरु नानक जी हमेशा महिलाओं का सम्मान करने की बात करते थे और उनका मानना था कि महिला पुरुष दोनों को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।