नवरात्रि में शनिवार के दिन रामायण के उत्तरकाण्ड का पाठ करें। कहा जाता है कि इससे शनि, राहु और केतु के दोषो से राहत मिलती है। शनिवार के दिन शनिदेव का सरसो के तेल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें। शनि को मजबूत करने के लिए मां काली को गुड़हल का फूल अर्पित करें। इसके बाद “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” मंत्र का जाप करें और माता से शनि की शान्ति की प्रार्थना करें। मां अंबे के कालरात्रि स्वरूप की उपासना करने से भी शनि मजबूत होते हैं।
दूसरा उपाय
ज्योतिष में शनि को नियंत्रित करने के लिए मां कालरात्रि की पूजा अचूक मानी जाती है। इसी के साथ नवरात्र में मां महागौरी की अराधना से भी शनि ग्रह मजबूत होता है। नवरात्र में पड़ने वाले शनिवार के दिन लोहे का सामान, सरसो के तेल, तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े इत्यादि चीजों का दान करें। कहा जाता है कि इससे शनि परेशान नहीं करते। नवरात्रि के नौ दिन मां अंबे की विधि विधान पूजा करने से भी जीवन में किसी भी ग्रह के कारण आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
तीसरा उपाय
नवरात्रि में शनिवार के दिन नहाने के पानी में काले तिल मिलाकर नहाएं इससे शनि ग्रह शांत होता है। शनिवार के दिन तेल के अन्दर अपना मुंह देखकर तेल का दान करें। शनिवार के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। इस दिन शनि स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं। अगर आप शनि साढे साती या शनि के ढैया से परेशान हैं तो नवरात्रि में शनिवार के दिन शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उपाय खास तौर से नवरात्रि में किये जाने वाले उपाय है, माना जाता है कि इन उपायों से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।