डेस्क रिपोर्ट। माँ दुर्गा की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से शुरू होने जा रहा हैं, मंदिरों में नवरात्र की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। सालभर बेसब्री से माता के भक्तों को नवरात्रि का इंतजार रहता है, माँ शक्ति की आराधना के इस पर्व चैत्र नवरात्र में हर देवी मंदिर में अलसुबह से देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहता है, श्रद्धालु नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रों में श्रद्धालु देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। भक्तों का विश्वास है कि आराधना के नौ दिन मनचाही मनोकामना पूरी करते है, इन नौ दिनों में माना जाता है देवी पृथ्वी लोक में उतर आती है और हर साल उनके आने का वाहन भी तय होता है, उनके वाहन से ज्योतिष से यह निष्कर्ष निकालते है कि साल कैसा रहने वाला है, आइए जानते है कि इस साल माँ दुर्गा किस वाहन से आ रही है।
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2 अप्रैल से शुरू होने जा रहे चैत्र नवरात्र के इस पर्व के लिए अगर ज्योतिष गणना की बात की जाए तो इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। मां आदिशक्ति के हर वाहन का अलग महत्व होता है। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा हर बार नए वाहन पर सवार होकर आती हैं। माता रानी के वाहनों का प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ता है। मां दुर्गा के वाहन डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य व हाथी भी हैं। मां दुर्गा जब हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो ज्यादा पानी बरसता है। घोड़े पर मां दुर्गा सवार होकर आती हैं, तो युद्ध के हालात बनते हैं। नौका पर सवार होकर माता रानी आती हैं, तो शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली पर सवार होकर आती हैं, तो महामारी का अंदेशा होता है। वही देवी की वापसी का वाहन भी तय करता है कि आने वाला वक़्त कैसा रहेगा, मान्यता है कि रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं, जिससे रोग की आशंका बढ़ती है। शनिवार या मंगलवार को मां दुर्गा मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं, जोकि कष्टप्रद माना गया है। बुधवार या शुक्रवार को देवी मां हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं, इसका अर्थ है कि सुख-शांति बनी रहेगी।