आज की दिवाली हस्त नक्षत्र और वैधृति योग में मनाई जा रही है और इस योग को बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। आज शाम लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त 6 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और ये रात 8 बजकर 16 मिनट तक रगेगा। ये अवधि 1 घंटे 23 मिनट की है और यही पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है। वहीं प्रदोष काल 5 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। वृषभ काल शाम 6 बजकर 53 मिनट से रात 8 बजकर 48 मिनट तक है। उत्तम मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है।
दिवाली पर परंपरानुसार सबसे पहले श्रीगणेश की पूजा की जाती है और फिर माता लक्ष्मी का विधि विधान से पूजन किया जाता है। पूजन सामग्री में शंख, कमल का फूल, लाल वस्त्र, गोमती चक्र, धनिया के दाने, सुपारी, कच्चा सिंघाड़ा, मोती व कमलगट्टे की माला को रखना चाहिए। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय बताए जाते हैं। इनमें एक कारगर उपाय कौड़ी का है। कौड़ियां मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाती हैं। पूजा के समय देवी लक्ष्मी के सामने 5 पीली कौड़ी और 9 गोमती चक्र रख दें। इनकी पूजा के पश्चात इन्हें अगले दिन लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में समृद्धि और वैभव का वास होता है।
लक्ष्मी मंत्र का जाप करें
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥