Hariyali Amavasya : हिन्दू धर्म में पेड़ों और पौधों को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पीपल, वट, अशोक, और नीम जैसे पवित्र पेड़ों की पूजा की जाती है। इन पेड़ों की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस दिन पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने का एक उपाय माना जाता है। हरियाली अमावस्या पर पेड़-पौधों की पूजा और वृक्षारोपण से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। साथ ही परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन माह की अमावस्या 03 अगस्त, 2024 को दोपहर 03:50 बजे शुरू होगी और 04 अगस्त, 2024 को दोपहर 04:42 बजे समाप्त होगी। इसलिए हरियाली अमावस्या 04 अगस्त, 2024 (रविवार) को मनाई जाएगी। इस दिन पेड़-पौधों की पूजा और वृक्षारोपण के विशेष महत्व को ध्यान में रखते हुए इस अवसर पर आप वृक्षारोपण कर सकते हैं और पवित्र पेड़-पौधों की पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
तुलसी
पीले धागे में 108 गांठें: एक पीले धागे में 108 गांठें लगाकर उसे तुलसी के गमले में बांधना बहुत शुभ माना जाता है। इस उपाय से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। पीला रंग मां लक्ष्मी का प्रतीक होता है।
लाल कलावा: अमावस्या पर तुलसी के पौधे में लाल कलावा बांधना भी एक प्रभावी उपाय है। यह विधि आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में खुशहाली के लिए की जाती है।
पीपल
हरियाली अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसमें देवताओं का वास माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
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