आज मनाई जा रही देवताओं की होली रंग पंचमी, जानिए महत्व और किस देवी-देवता पर चढ़ाएं कौन सा रंग

सनातन धर्म में साल के पहले त्योहार के रूप में होली का पर्व मनाया जाता है. होली के ठीक 5 दिन बाद देव होली याने रंग पंचमी खेली जाती है. इस साल रंग पंचमी का पर्व आज (12 मार्च) रविवार को मनाया जा रहा है

Rang Panchami 2023 :  हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होली पर्व की शुरुआत हो जाती है। वहीं रंगों के इस महा उत्सव के पांचवें दिन रंग पंचमी पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पंचांग में बताया गया है कि इस वर्ष रंग पंचमी महोत्सव को आज यानि 12 मार्च 2023, रविवार के दिन मनाया जा रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि आज के दिन देवी-देवताओं की उपासना करने से और उनको रंग अर्पित करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं प्रेम और सदभावना का त्योहार होली पर रंगों और गुलाल खेलने का सिलसिला चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि तक चलता है। पंचमी तिथि को इस पर्व का समापन होता है, इसलिए इस दिन को रंग पंचमी के नाम से जाना जाता है। रंग पंचमी का पर्व देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। जिस प्रकार कार्तिक पूर्णिमा देवताओं की दिवाली मानी गई है उसी प्रकार रंग पंचमी को देवताओं की होली माना गया है।

आज मनाई जा रही देवताओं की होली रंग पंचमी, जानिए महत्व और किस देवी-देवता पर चढ़ाएं कौन सा रंग

पौराणिक कथा
रंगपंचमी के दिन प्रभु श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ होली खेली थी। इसी वजह से इस दिन विधि-विधान से राधा-कृष्ण की पूजा करने के बाद गुलाल आदि अर्पित करके खेला जाता है। दूसरी पौराणिक कथा के मुताबिक, होलाष्टक के दिन महादेव ने कामदेव को भस्म कर दिया था जिसकी वजह से देवलोक में सब दुखी थे। मगर देवी रति और देवताओं की प्रार्थना पर कामदेव को दोबारा जीवित कर देने का आश्वासन भगवान महादेव ने दिया तो सभी देवी-देवता प्रसन्न हो गए और रंगोत्सव मनाने लगे। इसके बाद से ही पंचमी तिथि को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा।

अपने इष्टदेव को इन रंगों में रंग दें
रंग पंचमी के दिन लोग हवा में देवी-देवताओं के निमित्त अलग-अलग फूलों से सुगंधित अबीर-गुलाल को उड़ाते है। इस दिन प्रभु श्री कृष्ण,श्री राम और प्रभु श्री विष्णु को पीला रंग अर्पित कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं तथा उनके चरणों में पीले रंग का अबीर चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी,आध्यत्मिक ऊर्जा का विकास होगा। मां लक्ष्मी, बजरंगबली और भैरव महाराज को लाल रंग अर्पित करें,धन आगमन के साथ-साथ आपके जीवन के क्लेश दूर होंगे। मां बगलामुखी को पीले रंग का अबीर अर्पित करें एवं सूर्यदेव को लाल रंग का गुलाल अर्पित करने से सारे शोक दूर होकर मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शनि देव को नीला रंग बहुत प्रिय होता है,उन्हें नीला रंग अर्पित करें।

रंग पंचमी महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन देवी-देवता होली खेलने के लिए धरतीलोक पर आते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना सुनते हैं। आज के दिन पूजा-पाठ का प्रभाव भी बढ़ जाता है, इसलिए शास्त्रों में रंग पंचमी के दिन किए गए पूजा-पाठ के महत्व को विस्तार से बताया गया है। साथ ही रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं के साथ होली खेलने से सभी दुःख दर्द दूर हो जाती हैं।

रंग पंचमी 2023 आरंभ तिथि

चैत्र माह की रंग पंचमी तिथि का आरंभ : 11 मार्च, रात 10 बजकर 6 मिनट पर (कल रात से आरंभ हो चुकी है).
चैत्र माह की रंग पंचमी तिथि का समापन : आज 12 मार्च रात 10 बजकर 02 मिनट पर.
उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार आज यानी 12 मार्च 2023 दिन रविवार को मनाया जा रहा है.