डेस्क रिपोर्ट। चैत्र नवरात्र का आज दूसरा दिन है और भक्त माँ के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना कर रहे है, माना जाता है कि भगवती दूर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता का है, ब्रह्मा का अर्थ है तपस्या, तप का आचरण करने वाली भगवती जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है, वेदस्तत्वंतपो ब्रह्म, वेद, तत्व और ताप ब्रह्मा अर्थ है, ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है, इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है, जो देवी के इस रूप की आराधना करता है उसे साक्षात परब्रह्म की प्राप्ति होती है।
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मां ब्रह्मचारिणी को ब्रहमा की बेटी कहा जाता है क्योंकि ब्रहमा के तेज से ही उनकी उत्पत्ति हुई है, मां ब्रह्मचारिणी का स्वरुप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य है, इनके दाये हाथ में जप की माला और बाये हाथ में कमंडल है, मां के इस स्वरूप की आराधन करने पर शक्ति, त्याग, सदाचार, सयम और वैराग में वृद्धि होती है, मां के तेज की लीला अपरम्पार है, मंदिर में बनारस के आसपास के क्षेत्रों से भी लोग नवरात्रि में दर्शन करने आते हैं, लोगों को विश्वास है कि मां के इस मंदिर में दर्शन करने वाले नि:संतान भक्तों को संतान सुख मिलता है और उनकी हर मनोकामना मां पूरी करती हैं। मां को लाल फूल चढ़ाएं, माना जाता है कि जो माँ के इस स्वरूप की आराधना करता है वह हमेशा विकट परिस्थितियों को भी पार कर लेता है। राजधानी भोपाल में भी श्रद्धालु माता मंदिरों में पूजन करने पहुँच रहे है, शहर के प्रसिद्ध माता मंदिर में भी सुबह से ही भक्त माता के दर्शन करने पहुँच रहे है, देर रात तक राजधानी के मंदिरों में भी विशेष पूजन आयोजन जारी है।