ये छोटी-मोटी गलतियां बन सकती है पितृ दोष का कारण, जानें निवारण

हम अक्सर अपने दैनिक जीवन में कुछ छोटी-मोटी गलतियाँ कर देते हैं, जो पितृ दोष का कारण बन सकती हैं। ये गलतियां न केवल हमारे जीवन में परेशानियाँ लाती हैं बल्कि.........

Pitra Dosh

Pitra Dosh: पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो हमारे पूर्वजों से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जब हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, या हमारे परिवार में कोई पितृ ऋण रह जाता है, तो पितृ दोष उत्पन्न होता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। जैसे कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, आर्थिक समस्याएं, वैवाहिक जीवन में बाधाएं आदि। पितृ दोष को दूर करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं जैसे कि श्राद्ध कर्म करना पितरों का श्राद्ध करना आदि।

पितृपक्ष 16 दिनों तक चलता है। इस दौरान किए जाने वाले पिंडदान तर्पण और दान जैसे कर्मों से पित्रदायित्व का पालन होता है। इन दिनों में कर्मों को सही तरीके से नहीं किया जाए, तो पितृ दोष लग सकता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। जाने-अनजाने में हम घर में ऐसी कई गलतियां करते हैं, जिनकी वजह से पितृ दोष बढ़ सकता है, तो चलिए जानते हैं कि किन गलतियों को सुधारना चाहिए।

पितृ दोष 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष हमारे पूर्वजों की अधूरे कर्मों का परिणाम है। जब हमारे पूर्वज अपनी मृत्यु से पहले अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं कर पाते हैं, तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिल पाती है और यह दोष उनके वंशजों पर पड़ता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे की आर्थिक तंगी, बीमारियां, विवाह में देरी और पारिवारिक कलह। यह दोष व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उसे कई तरह की परेशानियों में डाल सकता है।

गूंथा हुआ आटा न रखें

पितृ पक्ष के दौरान घर में गूंथा हुआ आटा रखना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गूंथा हुआ आटा पिंड के समान हो जाता है, जो हमारे पूर्वजों से जुड़ जाता है। इस अवधि में आटा गूंथने से पितृ का अपमान होता है और इससे पितृ दोष लगा सकता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए पितृपक्ष में घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पितरों के तर्पण और पिंडदान करना चाहिए।

बालों को खोलकर भोजन न बनाएं

पितृपक्ष के दौरान भोजन बनाते समय खुले बाल रखना अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पितृ दोष को आमंत्रित कर सकता है। इस पवित्र अवधि में पितरों के लिए भोजन बनाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बालों को बांधकर रखना सावधानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खुले बालों को अशुद्ध माना जाता है। इससे पितरों का अपमान हो सकता है, इसलिए पितृपक्ष में भोजन बनाते समय बालों को हमेशा बांधकर ही रखें।

बालों को ढककर भोजन बनाएं

इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान खाना बनाते समय बालों को ढक लेना चाहिए। बिना बालों को ढके भोजन बनाना अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र समय में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यदि आप बिना चुनरी या दुपट्टे से सिर ढके भोजन बनाती हैं तो इसे पितरों का अपमान माना जाता है। इस तरह पितृ दोष भी लग सकता है, इसलिए पितृपक्ष में भोजन बनाते समय सिर को ढकना बहुत जरूरी है।

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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